आर्यन खान को अरबाज मर्चेंट द्वारा अपने जूते में छुपाए गए चरस के बारे में जानकारी थी: मुंबई कोर्ट
एनडीपीएस स्पेशल कोर्ट ने आर्यन खान की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भले ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को छापे के दौरान आर्यन खान के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ, लेकिन आर्यन अवैध ड्रग्स के बारे में जानता था।
विशेष न्यायाधीश वीवी पाटिल ने क्रूज शिप ड्रग्स मामले में कल यानी बुधवार को आर्यन खान, मॉडल मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट की जमानत खारिज कर दी।
अदालत ने पाया कि खान को स्पष्ट रूप से पता था कि उसका दोस्त अबाज मर्चेंट शिप क्रूज पर सेवन के लिए चरस (2.6 ग्राम) छिपा रहा और इसलिए कहा जाता है कि आर्यन अवैध ड्रग्स के बारे में जानकारी थी।
एनसीबी ने खान और मर्चेंट को 2 अक्टूबर को कॉर्डेलिया शिप क्रूज पर चढ़ने से पहले अंतरराष्ट्रीय प्रस्थान टर्मिनल पर एक साथ पकड़ लिया। एनसीबी ने कथित तौर पर मर्चेंट के जूते से छह ग्राम चरस बरामद किया।
कोर्ट ने कहा,
"मौजूदा मामले में भी आरोपी नंबर 1 (आर्यन खान) के पास से कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं मिला है। आरोपी नंबर 2 (अरबाज मर्चेंट) के पास से छह ग्राम चरस पाया गया, जिसके बारे में आर्यन खान को जानकारी था। इस प्रकार यह हो सकता है कहा कि दोनों आरोपियों को अवैध ड्रग्स के बारे में जानकारी थी।"
अदालत ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत खान के बयानों पर भरोसा किया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि अरबाज मर्चेंट के पास जो ड्रग्स थे वह उनके उपभोग और आनंद के लिए था।
कोर्ट ने कहा,
"बेशक आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट लंबे समय से दोस्त हैं। दोनों को अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल पर एक साथ पकड़ा गया। इसके अलावा अपने बयानों में दोनों ने खुलासा किया कि जो ड्रग्स अरबाज मर्चेंट के पास बरामद हुआ है वह वह उनके उपभोग और आनंद के लिए था। इस प्रकार, इन सभी बातों से पता चलता है कि 1 (आर्यन खान) को 2 (अरबाज मर्चेंट) द्वारा अपने जूते में छुपाए गए प्रतिबंधित पदार्थ के बारे में जानकारी थी।"
विशेष न्यायाधीश वीवी पाटिल ने आदेश में नवाज खान के मामले पर भरोसा किया, जहां सर्वोच्च न्यायालय ने निजी वाहन से अवैध ड्रग्स की व्यावसायिक बरामदगी के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसमें वह व्यक्ति भी अवैध ड्रग्स ले जाने में शामिल था।
कोर्ट ने नवाज खान के फैसले में माना था कि व्यक्ति पर प्रतिबंधित पदार्थ के कब्जे की अनुपस्थिति जमानत के लिए एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 (1) (बी) (ii) के तहत आवश्यक जांच के स्तर से मुक्त नहीं है।
अदालत ने खान के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि चूंकि उसके पास से कोई मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ है, इसलिए वह निर्दोष है।
आर्यन खान के वकीलों ने तर्क दिया था कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 (1) की कठोरता लागू नहीं होगी क्योंकि आर्यन खान के पास के कुछ भी बरामद नहीं हुआ है और एनसीबी का मामला ड्रग्स की कम मात्रा से संबंधित है।
अदालत ने कहा कि चूंकि मामले में धारा 29 (साजिश) लागू की गई है, इसलिए धारा 37 के तहत जमानत की शर्तें लागू होंगी।
अदालत ने शोइक चक्रवर्ती के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर भरोसा किया कि आरोपी साजिश का हिस्सा है, इसलिए उनमें से प्रत्येक जब्त किए गए ड्रग्स की पूरी मात्रा के लिए उत्तरदायी है और किसी भी मामले को आइसोलेशन में नहीं देखा जा सकता है।
अदालत ने कहा कि इसके अलावा, व्हाट्सएप चैट से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आरोपी आर्यन खान नियमित रूप से अवैध ड्रग्स की गतिविधियों में शामिल था। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि आर्यन खान के जमानत पर रहने के दौरान इसी तरह का अपराध करने की संभावना नहीं है।
पृष्ठभूमि
गोवा जाने वाले एक क्रूज के अंतरराष्ट्रीय डिपार्चर टर्मिनल पर छापेमारी के बाद एनसीबी ने उन्हें तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
उन पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा आठ(सी) के सपठित धारा 20बी, 27, 28, 29 और 35 के तहत मामला दर्ज किया गया। आर्यन के दोस्त मर्चेंट और मॉडल धमेचा के पास से छह और पांच ग्राम चरस कथित तौर पर बरामद की गई थी।