आर्यन खान ड्रग केस: मुंबई कोर्ट ने एनसीबी को केपी गोसावी का बयान दर्ज करने की अनुमति के लिए पुणे कोर्ट से संपर्क करने को कहा
स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट ने सोमवार को क्रूज ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को प्रमुख गवाह केपी गोसावी का बयान दर्ज करने की की अनुमति के लिए पुणे कोर्ट से संपर्क करने को कहा है। इसके साथ ही याचिका का निपटारा किया।
दरअसल, केपी गोसावी का आर्यन खान के साथ सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।
एनसीबी ने यरवदा केंद्रीय जेल में गोसावी का बयान दर्ज करने की अनुमति मांगी, जहां वह पुणे में 2018 से एक अलग धोखाधड़ी मामले के संबंध में कैद है।
न्यायाधीश वीवी पाटिल ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि गोसावी तकनीकी रूप से पुणे में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की हिरासत में है, इसलिए एनसीबी को पुणे की अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
केपी गोसावी और उनके अंगरक्षक प्रभाकर सेल, आर्यन खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट से प्रतिबंधित पदार्थ की जब्ती के दो स्वतंत्र गवाह हैं। इस पंचनामा में है कि आरोपियों ने कथित तौर पर कहा है कि वे ड्रग्स सेवन के लिए क्रूज पर जा रहे थे।
गोसावी पर आर्यन के फायदे के लिए शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी के साथ पैसों के लेन-देन के गंभीर आरोप हैं, क्योंकि छापेमारी के दौरान कुछ भी बरामद नहीं हुआ था।
एनसीबी के वकील अद्वैत सेठना ने तर्क दिया कि केपी गोसावी मामले में एक स्वतंत्र पंच गवाह हैं।
उन्होंने कहा,
"हमें अपने सीआर (क्रूज़ ड्रग्स मामले) में चार्जशीट दायर करनी है और इसलिए हम एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत उनका बयान दर्ज करना चाहते हैं। हमारे अधिकारी वहां (जेल) जाएंगे और वे उनके बयान दर्ज करेंगे। हम मांग कर रहे हैं कि जेल अधीक्षक को इसके लिए निर्देश दिया जाना चाहिए ताकि हमें जांच करने, पूछताछ करने, स्वैच्छिक बयान दर्ज करने की अनुमति दी जाए।"
सेठना ने कहा कि उनके अधिकारी मंगलवार को ही जाने के लिए तैयार हैं और उन्हें तीन दिन से ज्यादा की जरूरत नहीं है।
अदालत ने आदेश में कहा,
"चूंकि पंच गवाह केपी गोसावी, जिसका बयान आवेदक एजेंसी दर्ज करना चाहती है, इस अदालत की न्यायिक हिरासत में नहीं है, बल्कि जेएमएफसी, पुणे की न्यायिक हिरासत में है। आवेदक एजेंसी को प्रार्थना के अनुसार आवश्यक राहत के लिए संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए।"
इस महीने की शुरुआत में क्रूज शिप ड्रग्स मामले की जांच एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को स्थानांतरित कर दी गई। यह जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ लगाए गए कई व्यक्तिगत और सेवा संबंधी आरोपों के बाद आया है।
इस मामले में अब तक 20 में से 15 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।
गोसावी के खिलाफ आरोप
गोसावी के अंगरक्षक प्रभाकर सेल ने हलफनामे में केपी गोसावी और अन्य के खिलाफ जबरन वसूली और भुगतान के चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं।
सेल ने आरोप लगाया कि उन्हें एनसीबी कार्यालय बुलाया गया था और समीर वाखेंडे ने मामले के पंच गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने के लिए कहा और उनके हस्ताक्षर 10 कोरे कागजों पर लिए गए थे।
सेल ने हलफनामे में आगे दावा किया कि उसने गोसावी को सैम डिसूजा से यह कहते हुए सुना कि "आप 25 करोड़ रुपये का बम लगाते हैं, 18 करोड़ रुपये में समझौता करते हैं क्योंकि हमें समीर वानखेड़े को 8 करोड़ देना है। यह 2 और 3 अक्टूबर की दरम्यानी रात को गोसावी के एनसीबी कार्यालय छोड़ने के बाद हुआ था।
सेल ने कहा कि कुछ मिनट बाद उन्होंने पूजा ददलानी (शाहरुख खान के मैनेजर) को केपी गोसावी से बात करते देखा।
गोसावी ने आरोप लगाया कि उसे 50 लाख रुपये नकद लेने के लिए एक स्थान पर जाने के लिए कहा गया। वह कहता है कि उसने रुपए से भरे दो बैग एकत्र किए और उसे गोसावी को सौंप दिए।