भविष्य में माता-पिता या किसी अन्य द्वारा धमकाए जाने पर पुलिस आयुक्त से संपर्क करेंः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुरक्षा की मांग कर रहे विवाहित जोड़े को निर्देश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर खंडपीठ ने हाल ही में पुलिस सुरक्षा की मांग करने वाले एक विवाहित जोड़े को निर्देश दिया है कि अगर उन्हें भविष्य में अपने माता-पिता या किसी अन्य से कोई धमकी मिलती है या उनके जीवन को कोई खतरा है तो वे सीधे पुलिस आयुक्त, इंदौर से संपर्क कर सकते हैं।
जस्टिस विवेक रूसिया ने आगे निर्देश दिया है कि यदि आयुक्त को लगता है कि वास्तव में कपल के जीवन के लिए खतरा है, तो वे शक्ति वाहिनी बनाम मध्य प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
... यदि भविष्य में याचिकाकर्ताओं को अपने माता-पिता या किसी से अपने जीवन के लिए कोई खतरा महसूस होता है या उन्हें कोई धमकी मिलती है, तो वे अपने आयु प्रमाण और विवाह से संबंधित दस्तावेजों के साथ पुलिस आयुक्त, इंदौर से संपर्क कर सकते हैं और अपना बयान दर्ज करवा सकते हैं और धमकाने वाले व्यक्ति के नाम के बारे में भी खुलासा सकते हैं। यदि याचिकाकर्ता किसी कारण से पुलिस आयुक्त, इंदौर से संपर्क नहीं कर सकते हैं और आपात स्थिति में उन्हें अपने बयान दर्ज करवाने के लिए निकटतम पुलिस स्टेशन जाने की अनुमति है। यदि पुलिस आयुक्त/एसएचओ को लगता है कि याचिकाकर्ताओं की जान को खतरा है तो वह शक्ति वाहिनी (सुप्रा) के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार तुरंत कार्रवाई करेंगे।
याचिकाकर्ताओं ने याचिकाकर्ता/पत्नी के परिवार से पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि वे वयस्क हैं और स्वेच्छा से एक-दूसरे से शादी की है। हालांकि, याचिकाकर्ता/पत्नी के माता-पिता शादी के खिलाफ थे,इसलिए दंपति और याचिकाकर्ता/पति के परिवार को परेशान कर रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं।
पार्टियों की दलीलों पर विचार करते हुए, कोर्ट ने कहा कि इस कपल को सिर्फ इसलिए किसी के द्वारा परेशान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें उनकी शादी से आपत्ति है-
यदि याचिकाकर्ता बालिग हैं और उन्होंने स्वेच्छा से विवाह किया हैं, तो उन्हें सिर्फ इसलिए किसी के द्वारा परेशान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें उनकी शादी से आपत्ति है। भविष्य में, यदि याचिकाकर्ताओं को किसी से अपने जीवन के लिए कोई खतरा या भय महसूस होता है, तो किसी भी उत्पीड़न से बचने के लिए, याचिकाकर्ता निश्चित रूप से पुलिस सुरक्षा के हकदार हैं।
लता सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य और शक्ति वाहिनी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों पर भरोसा करते हुए कोर्ट ने दंपति को छूट दी है कि यदि उन्हें फिर से धमकी मिलती है तो वह आवश्यक दस्तावेजों के साथ पुलिस आयुक्त, इंदौर से संपर्क कर सकते हैं और अपने बयान दर्ज करवा सकते हैं। अदालत ने आगे कहा कि आपात स्थिति में दंपति अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन से भी संपर्क कर सकते हैं। उक्त निर्देश के साथ याचिका का निस्तारण कर दिया गया।
केस टाइटल- श्रीमती विनीता जैन वर्मा और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य व अन्य
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