कथित फेसबुक पोस्ट द्वारा यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की छवि खराब करने का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया

Update: 2022-01-14 03:05 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की छवि को 'कलंकित' करने वाली कथित फेसबुक पोस्ट के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में आरोप पत्र, संज्ञान आदेश के साथ-साथ पूरी कार्यवाही को रद्द करने से इनकार किया।

न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा की पीठ अरुण कुमार जायसवाल द्वारा दायर 482 आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 501 और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 66 के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।

कथित तौर पर उक्त फेसबुक पोस्ट द्वारा उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री नंद गोपाल "नंदी", कौशांबी सांसद विनोद सोनकर, चायल विधान सभा सदस्य संजय गुप्ता, मंझनपुर के विधायक लाल बहादुर यादव और सिराथू के विधायक सीतला प्रसाद की छवि को कलंकित किया गया है या नहीं, यह एक तथ्य का सवाल है जिसका फैसला ट्रायल कोर्ट को ट्रायल के दौरान करना है।

आवेदक के वकील द्वारा यह प्रस्तुत किया गया कि आवेदक ने कथित अपराध नहीं किया है और उसे झूठा फंसाया गया है और निचली अदालत ने न्यायिक दिमाग लगाए बिना संज्ञान लिया है।

यह देखते हुए कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत कार्यवाही में, यह न्यायालय गवाहों की विश्वसनीयता पर निर्णय नहीं ले सकता है और न्यायालय यह नहीं कह सकता है कि कथित फेसबुक पोस्ट द्वारा उपर्युक्त व्यक्तियों की छवि खराब की गई है, क्योंकि यह एक तथ्य का सवाल है जो ट्रायल कोर्ट द्वारा ट्रायल के दौरान तय किया जाना है।

इसके साथ ही कोर्ट ने कार्यवाही को रद्द करने की प्रार्थना को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि यदि आवेदक निचली अदालत के सामने पेश होता है और आत्मसमर्पण करता है और जमानत के लिए आवेदन करता है, तो ब्रह्म सिंह एंड अन्य बनाम यूपी राज्य एंड अन्य 2016 (95) ACC950 में निर्धारित कानून के मद्देनजर जमानत के लिए उसकी प्रार्थना पर विचार और निर्णय लिया जाएगा।

केस का शीर्षक - अरुण कुमार जायसवाल बनाम यू.पी. राज्य एंड अन्य

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