इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डेंगू के मरीज को मौसमी का जूस देने के आरोप में यूपी के अस्पताल को गिराने के आदेश पर रोक लगाई

Update: 2022-10-29 09:43 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद स्थित प्रयागराज अस्पताल को गिराने के आदेश पर 6 सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि अस्पताल पर हाल ही में 32 वर्षीय डेंगू रोगी को प्लेटलेट्स के बजाय मौसमी का जूस चढ़ाने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद ‌अस्पताल विवादों में आ गया।

जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस विकास बधवार की खंडपीठ ने मालती देवी को स्वतंत्रता दी है ‌कि वह प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की ओर से भेजे गए विध्वंस नोटिस पर दो सप्ताह में आपत्ति दर्ज कराएं। मालती देवी की जमीन पर ही अस्पताल स्थित है और वह संपत्ति की मालिक हैं।

अदालत ने यह आदेश याचिकाकर्ता को दिए गए विध्वंस नोटिस के खिलाफ दायर रिट याचिका पर दिया है।

मामला

याचिकाकर्ता (मालती देवी) के अनुसार उसने जमीन खरीदी थी और उस पर घर का निर्माण किया था। 10 फरवरी, 2021 को एक रेंट एग्रीमेंट के तहत उन्होंने दो दुकानों के साथ 18 कमरे श्याम नारायण को किराए पर दिए थे, जो ग्लोबल अस्पताल के नाम से एक अस्पताल चलाते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि किरायेदार की कुछ गलतियों के कारण उसके अस्पताल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज ने सील कर दिया था। उसके बाद उसे 21 अक्टूबर, 2022 को जोनल अधिकारी, पीडीए से एक नोटिस मिला, जिसमें कहा गया था कि उक्त 11 जनवरी, 2022 को घर को गिराने का आदेश पारित किया गया है।

नोटिस में यह उल्लेख किया गया है कि विचाराधीन भवन का निर्माण अधिकारियों द्वारा विधिवत स्वीकृत किसी भी नक्शे के बिना किया गया है।

अदालत के समक्ष उन्होंने तर्क दिया कि उसे न तो कोई नोटिस मिला और न ही विध्वंस का कोई आदेश मिला। उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया है कि विचाराधीन भूमि पर निर्माण उन्होंने तब किया था जब विचाराधीन क्षेत्र प्रयागराज विकास प्राधिकरण की सीमा में नहीं था और इसलिए, उपरोक्त संपत्ति का कोई स्वीकृत नक्शा नहीं था।

हालांकि, उन्होंने अदालत के समक्ष कहा कि वह यूपी शहरी नियोजन और विकास अधिनियम, 1973 की धारा 32 के अनुसार अवैध संरचना, यदि कोई हो, तो उसे कंपाउंड कराने के लिए तैयार है, बशर्ते उसे उचित अवसर दिया जाए।

आदेश

इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह के भीतर पीडीए के समक्ष आपत्ति दर्ज कराने की छूट दी, जिसमें वह अपनी सभी शिकायतें, विचाराधीन घर के नक्शे के साथ उठा सकती हैं। न्यायालय ने आदेश दिया कि यदि वह निर्धारित अवधि के भीतर विचाराधीन घर के नक्शे के साथ आपत्ति करती है तो पीडीए अपने उपनियमों के अनुसार उसका सत्यापन करवाएगा।

कोर्ट ने पीडीए को याचिकाकर्ता की आपत्ति की जांच करने और अगले चार सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया, जिसमें याचिकाकर्ता को सुनवाई का एक उचित अवसर देने के बाद घटना में कंपाउंडिंग आवेदन दायर करने का अवसर भी शामिल है। निर्माण को कानून के अनुसार कंपाउंडेबल पाया गया है।

कोर्ट ने आगे स्पष्ट किया कि यदि निर्माण का कोई हिस्सा कंपाउंडेबल नहीं पाया जाता है, तो पीडीए कानून के अनुसार आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र होगा।

गौरतलब है कि ग्लोबल हॉस्पिटल को 20 अक्टूबर को सील कर दिया गया था, जब यह सामने आया कि उसने डेंगू के एक मरीज को ब्लड प्लेटलेट्स के बजाय कथित तौर पर मौसमी जूस चढ़ा दिया था, जिसकी बाद में उसकी मौत हो गई।

हालांकि, प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट ने दावा किया है कि मरीज को "अनुचित तरीके से संग्रहीत" प्लेटलेट्स दिए गए थे, न कि मौसमी का जूस, जैसा कि परिजनों ने दावा किया था।

केस टाइटल- मालती देवी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और 3 अन्य [WRIT - C No.32813 Of 2022 ]

केस साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (एबी) 476


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