इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सुल्तानपुर कोर्ट में लंबित आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2014 के आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी। यह मामला राज्य के सुल्तानपुर जिले में सांसद/विधायक अदालत के समक्ष लंबित है।
जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने यह आदेश केजरीवाल द्वारा दायर सीआरपीसी की धारा 482 याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दी गई और मामले को 13 जनवरी, 2023 को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।
मामले में केजरीवाल के खिलाफ वर्ष 2014 में आम चुनाव के दौरान कथित तौर पर चुनाव के दौरान भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171 जी, 186, 341 और धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
केजरीवाल की ओर से पेश वकील ने कहा कि इससे पहले वर्ष 2016 में उन्होंने सुल्तानपुर कोर्ट के संज्ञान लेने और मुकदमे का सामना करने के लिए समन जारी करने के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि, इसे खारिज कर दिया गया।
इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें अक्टूबर, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया और अगले आदेश तक ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल को पेश होने से छूट दी।
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ यह प्रस्तुत किया गया कि चूंकि स्पेशल लीव टू अपील (आपराधिक) अभी भी लंबित है और यदि मुकदमे को आगे बढ़ने अपील की विशेष अनुमति की अनुमति दी जाती है तो पूरी कार्यवाही निरर्थक अभ्यास साबित होगी।
उनके वकील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए इस अदालत ने आईपीसी की धारा 143, 186, 188, 341, 353 और धारा 171-जी के तहत मामले की कार्यवाही को विशेष न्यायाधीश (एमपी) /विधायक न्यायालय)/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, सुल्तानपुर के समक्ष पेश करने को कहा।
साथ ही इस याचिका सूचीबद्ध करने की अगली तारीख तक स्थगित रखते हुए अंतरिम आदेश पारित करना उचित समझा।
केस टाइटल- अरविंद केजरीवाल बनाम यूपी राज्य के माध्यम से प्रिं. सचिव. होम लको. और अन्य [आवेदन U/S 482 No. - 9268/2022]
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