इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायालय को गुमराह करने के लिए पुलिस अधिकारी को नोटिस जारी किया, ऐसे पुलिस स्टेशन के बारे में कोर्ट को बताया जो अस्तित्व में ही नहीं है

Update: 2021-07-04 06:10 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी को एक ऐसे पुलिस स्टेशन के बारे में गलत जानकारी देकर न्यायालय को गुमराह करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है जो पुलिस स्टेशन अस्तित्व में नहीं है।

न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने पुलिस थाना कोतवाली, जिला बिजनौर के पुलिस उप-निरीक्षक अमित कुमार को नोटिस जारी किया है। पुलिस उप-निरीक्षक अमित कुमार ने अदालत को (एजीए के माध्यम से) सूचित किया था कि अकबराबाद पुलिस स्टेशन (अमरोहा) में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, हालांकि वहां है ऐसा कोई थाना अस्तित्व में नहीं है।

कोर्ट ने पाया कि अधिकारी ने सरकारी वकील को झूठे और गलत जानकारी दी कि एक व्यक्ति के खिलाफ थाना अकबराबाद में यूपी गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज किया गया है, हालांकि जिला अमरोहा में उस नाम से कोई पुलिस थाना अस्तित्व में नहीं है।

कोर्ट ने उन्हें 8 जुलाई को सरकारी अधिवक्ता के कार्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।

आवेदक के वकील द्वारा यह प्रस्तुत किया गया था कि आवेदक विशेष ऑपरेशन ग्रुप में गठित पुलिसकर्मियों के एक रहस्यमय समूह द्वारा अति उत्साही कार्रवाई का शिकार हो गया है। यह आगे कहा गया कि उसे घर से गिरफ्तार किया गया था और कई अन्य सह-आरोपियों के साथ मोटरसाइकिलों और कुछ कारों की बरामदगी के साथ झूठा आरोप लगाया गया था।

एक पूरक हलफनामा दाखिल करते हुए, आवेदक ने कहा कि पुलिस थाना अकबराबाद, जिला अमरोहा में उसके खिलाफ यूपी गैंगस्टर एक्ट की धारा 3 (1) के तहत कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अमरोहा जिले में वास्तव में थाना अकबराबाद के नाम से कोई पुलिस थाना नहीं है।

न्यायालय के समक्ष यहां तक ​​कि ए.जी.ए. इस तथ्य पर विवाद नहीं किया कि जिला अमरोहा में उस नाम से कोई पुलिस थाना नहीं है।

अदालत ने नोटिस जारी किया जिसमें कहा,

"... कारण बताओ कि सरकारी अधिवक्ता को झूठे और गलत निर्देश देकर अदालत को गुमराह करने के लिए उसके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जा सकती। आवेदक के विरुद्ध थाना अकबराबाद, जिला अमरोहा में यूपी गैंगस्टर अधिनियम की धारा 3 (1) के तहत कोई मामला दर्ज नहीं है। इतना कि इस नाम का कोई थाना जिला अमरोहा में अस्तित्व में ही नहीं है।"

केस का शीर्षक - मानववर बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



Tags:    

Similar News