इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर दावा करने वाली दो बहनों की याचिका खारिज कर दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या के धनीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए जमीन के आवंटन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
दिल्ली की दो बहनों ने 3 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में मस्जिद के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित पांच एकड़ भूमि के स्वामित्व का दावा किया था।
राज्य के लिए अपील कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता रमेश कुमार सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मस्जिद के लिए आवंटित भूखंड संख्या उन लोगों से अलग है जिनके बारे में याचिका दायर की गई है।
सोमवार को जस्टिस डी के उपाध्याय और जस्टिस मनीष कुमार ने याचिकाकर्ताओं के वकील एच जी एस परिहार द्वारा इसे वापस लेने की मांग के बाद याचिका खारिज कर दी। पीठ ने परिहार के साथ तथ्यों का पता लगाए बिना सरसरी तरीके से याचिका दायर करने पर भी चिंता जताई।
रानी कपूर उर्फ रानी बलुजा और रमा रानी पंजाबी ने रिट याचिका में कहा है कि उनके पिता ज्ञान चंद्र पंजाबी 1947 में पंजाब से विभाजन के समय भारत आए थे और फैजाबाद (अब अयोध्या) जिले में बस गए थे।
उन्होंने दावा किया कि उनके पिता को नाज़ुल विभाग द्वारा धनीपुर गाँव में 28 एकड़ जमीन में से पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई थी, जो उस अवधि से अधिक समय तक उनके पास थी। बाद में, उनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में शामिल किया गया था।
उन्होंने दावा किया कि हालांकि, उनके नाम को उन रिकॉर्डों से हटा दिया गया, जिनके खिलाफ उनके पिता ने अतिरिक्त आयुक्त, अयोध्या के समक्ष अपील दायर की थी, जिसकी अनुमति दी गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने आगे दावा किया कि समेकन अधिकारी ने समेकन कार्यवाही के दौरान उनने पिता का नाम फिर से रिकॉर्ड से हटा दिया।
उन्होंने कहा कि चकबंदी अधिकारी के आदेश के खिलाफ, समेकन, सदर, अयोध्या के निपटान अधिकारी के समक्ष एक अपील को प्राथमिकता दी गई थी, लेकिन उक्त याचिका पर विचार किए बिना अधिकारियों ने निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड को अपनी 28 एकड़ जमीन के लिए पांच एकड़ जमीन मस्जिद के लिए आवंटित की।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि अधिकारियों को निपटान अधिकारी के समक्ष विवाद की पेंडेंसी तक सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन हस्तांतरित करने से रोक दिया जाए।
राज्य सरकार ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद टाइटल सूट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में मस्जिद के निर्माण के लिए धनीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित की है।