इलाहाबाद हाईकोर्ट के COVID-19 से हुई मतदान अधिकारियों की मौत के मामले में राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस के बाद यूपी सरकार ने उनके परिवार वालों के लिए 30 लाख रूपये के मुआवजे की घोषणा की

Update: 2021-05-08 05:35 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा COVID-19 के कारण राज्य में 135 मतदान अधिकारियों की कथित मौत के मामले में संज्ञान लेने के कुछ दिनों बाद यूपी सरकार ने उनके परिवार वालों के लिए 30,00,000 रूपये के मुआवजे की घोषणा की है।

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की एक डिवीजन बेंच को राज्य सरकार ने सूचित किया कि,

"राज्य सरकार ने मृतक मतदान अधिकारियों के परिवार के सदस्यों को 30,00,000 रूपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया है।"

कोर्ट ने 135 शिक्षकों, शिक्षा मित्र और जांचकर्ताओं की मृत्यु पर न्यायिक नोटिस जारी किया था। दरअसल हाल ही में यूपी पंचायत चुनावों के दौरान चुनाव ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों, शिक्षा मित्र और जांचकर्ताओं की COVID-19 से मृत्यु हो गई।

कोर्ट ने यूपी स्टेट इलेक्शन कमीशन, लखनऊ को नोटिस जारी करते हुए कहा कि,

"ऐसा प्रतीत होता है कि न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग ने चुनाव ड्यूटी पर लोगों को इस घातक वायरस से संक्रमित होने से बचाने के लिए कुछ किया है।"

कोर्ट को शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग के वकील तरुण अग्रवाल ने सूचित किया कि अब तक 28 जिलों से 77 मौतें हुई हैं और अन्य जिलों के रिपोर्ट के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया है। उन्होंने विशेष रूप से महामारी के दौरान चुनाव कराने में राज्य चुनाव आयोग की भूमिका के बारे में प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए समय मांगा।

हाईकोर्ट ने अपने पिछले आदेश में COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन कितना हुआ है इसे देखने के लिए नामित मतगणना क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज मांगा था।

राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना केंद्रों और सीसीटीवी क्लिप की कुछ तस्वीरें कोर्ट के समक्ष पेश की हैं। आगे कहा कि अधिकांश नोडल अधिकारियों की रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित हैं।

इस मामले को अब 11 मई को सुनवाई के लिए सूचिबद्ध किया गया है।

केस का शीर्षक: क्वारंटाइन सेंटर में अमानवीय स्थिति

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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