सभी तरह की फाइलिंग के लिए ए 4 साइज पेपर का उपयोग अनिवार्य करने के दिशा-निर्देश दिए जाने की मांंग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट मेंं जनहित याचिका दायर

Update: 2020-10-22 04:00 GMT

एक वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह उच्च न्यायालय में सभी याचिकाओंं की प्रस्तुति और उसके समर्थन मेंं दिए जाने वाले सहायक दस्तावेजों के लिए दोनोंं ओर प्रिंंटेड ए 4 आकार के कागज का उपयोग करने का निर्देश दे।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ के समक्ष जब मंगलवार को मामला आया तो अदालत ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह उचित निर्णय लेने के लिए मामले को प्रशासनिक पक्ष में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखे।

याचिकाकर्ता 31 वर्षीय सुजय जोशी की ओर से अधिवक्ता रंजीत शिंदे और अधिवक्ता अभय अंतुर्कर और अधिवक्ता अजिंक्य उदाने उपस्थित थे।

याचिकाकर्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि न्यायिक पक्ष में फाइलिंग ए 4 आकार के पेपर में होगी, जिसमें पेपर के दोनोंं ओर प्रिटिंग की जाएगी। ऐसा कागज की खपत को कम करने के लिए किया गया था। इसके अलावा, त्रिपुरा, केरल और कर्नाटक में उच्च न्यायालयों ने भी A4 आकार के पेपर में फाइलिंंग करने की अनुमति दी।

25 अप्रैल  2019 को  हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के साथ-साथ राज्यों में अधीनस्थ न्यायालयों में इलेक्ट्रॉनिक सबमिशन के लिए नियम जारी किए।

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि बॉम्बे हाईकोर्ट मेंं कार्यवाही के लिए निम्न निर्देश दिए जाएं -

लाइनों के बीच डबल स्पेस के साथ प्रिंटिंग

टिकाऊ फुलस्कैप पेपर पर प्रिंटिंग

लगभग साढ़े तीन सेंटीमीटर चौड़े मार्जिन रखा जाए

एक ही साइज़ की शीट उपयोग हो

याचिका डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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