आदर्श क्रेडिट सहकारी समिति : राजस्थान हाईकोर्ट ने जमाकर्ता के दावे के आवेदन का शीघ्र निपटान करने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के एक जमाकर्ता द्वारा दायर दावा आवेदन पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि उक्त निर्णय को कानून के अनुसार 90 दिन के भीतर लिया जाना चाहिए।
जस्टिस दिनेश मेहता ने दिया आदेश,
"प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से नब्बे दिनों की अवधि के भीतर सख्ती से क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार, याचिकाकर्ता द्वारा दायर आवेदन पर शीघ्रता से निर्णय लें।"
आदर्श क्रेडिट को-ऑप सोसाइटी ने कथित तौर पर कई फर्जी कंपनियां बनाईं और उनके पास जमाकर्ताओं के लगभग 8,000 करोड़ रूपये हैं।
वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गई शिकायत यह है कि उसने विभिन्न योजनाओं और मदों के तहत सहकारी समिति में कुछ रूपये जमा किए थे। हालांकि, बाद में प्रतिष्ठान को बंद कर दिया गया।
याचिकाकर्ता के वकील सुरेंद्र बागमलानी ने प्रस्तुत किया कि भारत संघ के कहने पर एक परिसमापक भी नियुक्त किया गया था। कई लेनदारों की जमा राशि जारी की गई है। हालांकि, याचिकाकर्ता द्वारा की गई जमा राशि जारी नहीं की गई।
आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के पास जमा राशि को जारी करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता के दावे के आवेदन पर निर्णय लेने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश देने के लिए अदालत के समक्ष एक सीमित प्रार्थना की गई।
केस शीर्षक: चेतन चौधरी बनाम भारत संघ और अन्य।
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