2008 Malegaon Blast | स्पेशल कोर्ट ने अदालत में 'लगातार' गैर-हाजिर रहने के लिए प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ नया जमानती वारंट जारी किया
मुंबई के स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं होने के लिए दक्षिणपंथी उग्रवादी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ नया जमानती वारंट (बीडब्ल्यू) जारी किया।
स्पेशल जज ए.के. लाहोटी ने कहा कि प्रज्ञा बुधवार को अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुईं, जैसा कि पहले के आदेश में निर्देश दिया गया, जिसमें कार्यवाही में उनकी लगातार अनुपस्थिति के लिए बीडब्ल्यू जारी किया गया।
विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसाल और अनुश्री रसाल ने अदालत को सूचित किया कि प्रज्ञा उस आवासीय पते पर नहीं रह रही हैं, जिस पर पहले बीडब्ल्यू जारी किया गया। इसलिए उन पर वारंट तामील नहीं किया जा सकता। इसलिए न्यायाधीश ने नया वारंट जारी किया।
जस्टिस लाहोटी ने कहा,
"आरोपी नंबर 1 (प्रज्ञा ठाकुर) के खिलाफ उनके वकील द्वारा दिए गए नए पते के अनुसार 10,000 रुपये का नया बीडब्ल्यू जारी करें। इसे 2 दिसंबर, 2024 को वापस करने योग्य बनाएं।"
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि विशेष अदालत ने ठाकुर के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में 'लगातार' गैर-हाजिर रहने के लिए बीडब्ल्यू जारी किया। मार्च 2024 में भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया। हालांकि, बाद में उनके अदालत में पेश होने के बाद उस पर रोक लगा दी गई।
29 सितंबर, 2008 को हुए मालेगांव विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए, जब उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल से जुड़े एक विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया था।
शुरुआत में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते द्वारा जांच की गई। बाद में 2011 में इस मामले को NIA को सौंप दिया गया। इस मामले में आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी हैं। ठाकुर और छह अन्य लोगों पर आईपीसी, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, भारतीय शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है।
अदालत वर्तमान में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है।
केस टाइटल: राष्ट्रीय जांच एजेंसी बनाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर