मुख्य न्यायधीश बनाम आरटीआई : सुप्रीम कोर्ट ने ख़ुद अपनी अपील दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अधिसूचित की

Update: 2019-03-22 09:07 GMT

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 27 मार्च से जिन मामलों की सुनवाई करेगा उसमें दिल्ली हाईकोर्ट के एक फ़ैसले के ख़िलाफ़ उसकी अपनी एक अपील भी शामिल है जिसमें यह कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 'सार्वजनिक अथॉरिटीज' हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ जिसमें मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी शाह, विक्रमजीत सेन और एस मुरलीधर शामिल थे, ने अपने फ़ैसले में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश का यह क़ानूनी कर्तव्य है कि वे सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन के बारे में वे सारी जानकारियाँ दें जिसकी माँग जनता ने की है। एकल पीठ ने इस बारे में केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को निरस्त कर दिया था।

हालाँकि, इस बारे में अपील 2010 में दायर की गई थी, पर इसे अगस्त 2016 में संविधान पीठ को न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सौंपा।

संविधान पीठ जिन अन्य मामलों की सुनवाई इस दौरान करेगा वे हैं

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