मणिपुर में यौन उत्पीड़न के वीडियो में दिख रही महिलाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं
मणिपुर में भयानक वीडियो में जिन दो महिलाओं को नग्न अवस्था में परेड करते हुए और राज्य में जातीय संघर्ष के बीच यौन हिंसा का शिकार होते हुए दिखाया गया, उन्होंने रिट याचिका में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ उक्त याचिका पर आज (31 जुलाई, 2023) सुनवाई करेगी।
याचिकाओं में महिला याचिकाकर्ताओं की पहचान 'एक्स' और 'वाई' के रूप में की गई। उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की।
याचिका एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड जावेदुर्रहमान के माध्यम से दायर की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया और केंद्र और राज्य सरकार को अपराधियों को कानून के दायरे में लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह सरकार को कार्रवाई करने के लिए थोड़ा समय देगी लेकिन अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो वह हस्तक्षेप करेगी।
जवाब में केंद्र सरकार ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए मणिपुर राज्य सरकार की सहमति से यह कदम उठाया गया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मुकदमे को मणिपुर राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया। इसके साथ ही उसने आरोपपत्र दाखिल करने के छह महीने के भीतर मुकदमा पूरा करने का निर्देश देने की भी मांग की।
इस मामले में अन्य जनहित याचिका भी दायर की गई, जिसमें मणिपुर राज्य में 'यौन उत्पीड़न की घटनाओं और चल रही हिंसा' की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की मांग की गई।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) दोनों ने मणिपुर में देखी गई हिंसा की निंदा की, खासकर परेशान करने वाले वीडियो का जिक्र करते हुए।