पश्चिम बंगाल ने रामनवमी हिंसा की एनआईए जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Update: 2023-05-18 12:01 GMT
पश्चिम बंगाल ने रामनवमी हिंसा की एनआईए जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रामनवमी हिंसा से संबंधित मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को ट्रांसफर करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की।

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए कल स्थगित करने का फैसला किया।

राज्य सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एनआईए अधिनियम को हिंसा के सामान्य मामलों के लिए तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक कि यह देश की सुरक्षा या संप्रभुता को प्रभावित न करे।

पीठ ने कहा कि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 एनआईए अधिनियम में एक अनुसूचित अपराध है और हाईकोर्ट ने माना है कि पुलिस ने हिंसा पर दर्ज एफआईआर में जानबूझकर इस क़ानून को लागू करने से चूक की है।

सिंघवी ने जोर देकर कहा कि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम को लागू करने के लिए किसी भी विस्फोटक का उपयोग करने का कोई उदाहरण नहीं है।

सिंघवी ने कहा,

"एक भी बम नहीं  मिला था।"

उन्होंने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने विपक्ष के नेता शुभेंधु अधिकारी द्वारा दायर राजनीति से प्रेरित जनहित याचिका पर आदेश पारित किया। उन्होंने यह कहते हुए तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया कि एनआईए द्वारा राज्य के पुलिस अधिकारियों को बुलाया जा रहा है।

अधिकारी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की याचिका का विरोध किया। पीठ ने आखिरकार कल मामले की सुनवाई करने का फैसला किया।

यह आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस टी. एस. शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने 27 अप्रैल को यह देखने के बाद दिया था कि रामनवमी पर निकाले जाने वाले जुलूसों के खिलाफ बदमाशों द्वारा विस्फोटकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।

उच्च न्यायालय ने पाया कि प्रथम दृष्टया, संबंधित पुलिस की ओर से जानबूझकर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई अपराध दर्ज नहीं करने का प्रयास किया गया था।

अदालत ने यह भी कहा कि हिंसा के दौरान, भीड़ उग्र हो गई। पुलिस पर बांस के डंडों से हमला किया। पुलिस पर ईंटें फेंकी। एक सरकारी वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। उसके बाद दूसरे वाहन में आग लगा दी और जब भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया, वे और उग्र हो गए और फिर से पुलिस कर्मियों को बांस के डंडे, लोहे की छड़, पत्थर, ईंट, तलवार से हमला करना शुरू कर दिया, पुलिस कर्मियों को मारने की दृष्टि से फायरआर्म्स का प्रदर्शन किया। हालांकि, जब्ती सूची में केवल कांच की बोतलें और लाठी और अन्य हथियार का उल्लेख है।

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