पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश की पुष्टि की; राज्य सरकार, एसईसी की चुनौतियों को खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश की पुष्टि की, जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (डब्ल्यूबीएसईसी) को 2023 के पंचायत चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल के सभी जिलों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने का निर्देश दिया गया था।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की एक अवकाशकालीन पीठ ने विपक्ष के नेता सुवेंधु अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्देशों को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल राज्य और डब्ल्यूबीएसईसी द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया।
पीठ ने कहा,
"तथ्य यह है कि हाईकोर्ट के आदेश का स्वरूप अंततः यह सुनिश्चित करना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पूरे पश्चिम बंगाल राज्य में आयोजित किया जाए, क्योंकि राज्य स्थानीय निकायों के लिए एक ही दिन चुनाव करा रहा है और बूथों की मात्रा को ध्यान में रखते हुए, हम पाते हैं कि हाईकोर्ट के आदेश में किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। एसएलपी खारिज हो जाती है।"
पीठ ने नोट किया कि पंचायत चुनाव 75,000 से अधिक सीटों पर होने हैं और लगभग 61,000 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।
पीठ ने सुनवाई के दरमियान एसईसी से मौखिक रूप से पूछा कि उसे बलों के स्रोत से क्यों चिंतित होना चाहिए, क्योंकि उसकी प्राथमिक चिंता चुनावों का स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन होना चाहिए।
पृष्ठभूमि
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शिवगणमन और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया था। पीठ ने कहा कि हालांकि संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करने और बलों को तैनात करने का निर्देश पारित किया गया था, लेकिन इस संबंध में कोई सराहनीय कदम नहीं उठाए गए।
जबकि आयोग ने कहा कि कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने में कुछ दिन लग सकते हैं, न्यायालय ने कहा कि अधिक समय लेने से केवल अधिक नुकसान होगा और "चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता" में मदद नहीं मिलेगी।
इस प्रकार एसईसी को पश्चिम बंगाल में सभी जिलों के लिए न्यायालय के फैसले के 48 घंटों के भीतर केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती के लिए निर्देशित किया गया था। इसकी लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी और पश्चिम बंगाल राज्य से कोई लागत नहीं ली जाएगी।
हाईकोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए निर्देश की आवश्यकता है, जो आगामी चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसके अलावा, यह भी निर्देशित किया गया कि एसईसी अपने चुनाव अधिकारियों को अपने पहचान पत्र प्रदर्शित करने के लिए कहे और जब भी कहा जाए, चुनाव प्रक्रिया के दौरान अपनी पहचान साबित करें। इन टिप्पणियों के साथ, रिट याचिका का निस्तारण किया गया।
[केस टाइटल: पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य बनाम सुवेंदु अधिकारी और अन्य। एसएलपी(सी) नंबर 12294/2023]