WB में वकीलों की हड़ताल : सुप्रीम कोर्ट ने हालात को ' असाधारण' करार दिया

Update: 2019-05-22 08:37 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 29 अप्रैल से चल रही वकीलों की हड़ताल के चलते पूरे हालात को "असाधारण" करार दिया है, जहां जीने के मौलिक अधिकार और नागरिकों की स्वतंत्रता को प्रभावित किया जा रहा है।

पीठ ने यह निर्देश दिया है कि आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट के लिए गिरफ्तार किए गए आरोपियों को जमानत याचिका के संबंध में बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में पेश किया जाए।

"काम रोको का आह्वान 8 व्यक्तियों की राहत में रुकावट"
पीठ ने कहा कि 29 अप्रैल को "बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल द्वारा काम रोको" का आह्वान 8 व्यक्तियों के लिए राहत की मांग में रुकावट के रूप में आ रहा है जिन्हें 23 अप्रैल को कथित आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने 8 व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की। दरअसल उन्हें पश्चिम बंगाल जुआ और पुरस्कार प्रतियोगिता अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया और वो अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे थे।

इन आरोपियों की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 26 अप्रैल को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन वे "बिना उपाय के" हैं क्योंकि राज्य भर के वकीलों ने न्यायिक रूप से पूरी तरह से काम बंद कर दिया है।

पीठ ने मामले में दिया आदेश

"याचिकाकर्ताओं को जमानत के लिए आवश्यक आदेश के लिए 22 मई, 2019 को (कलकत्ता) उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। हालांकि, यह स्पष्ट किया जा रहा है कि याचिकाकर्ताओं के जमानत के हक के संबंध में इस आदेश में किसी भी टिप्पणी को नहीं माना जाएगा," पीठ ने आदेश दिया।

पीठ ने आगे यह भी कहा, "यह आदेश 29 अप्रैल 2019 को बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल द्वारा काम रोको के आह्वान के कारण पश्चिम बंगाल राज्य में उत्पन्न हुई असाधारण स्थिति के परिणाम और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिक के मौलिक अधिकार पर इसके प्रभाव के संबंध में मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में पारित किया गया है।"

पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए अपने आदेश में उल्लेख किया कि इस आदेश को एक मिसाल के रूप में नहीं माना जा सकता है।

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