कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई पर कथित रूप से अनुमति से अधिक सोना रखने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला को मिली राहत को बरकरार रखा है।
रुजिरा को 31 जुलाई तक नहीं होना होगा पेश
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने कस्टम विभाग की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है, जिमसें कलकत्ता हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी। इस आदेश के तहत अब रुजिरा को 31 जुलाई तक कस्टम अधिकारियों के समक्ष पेश होने की जरूरत नहीं है।
SC ने HC के आदेश में दखल देने से किया इनकार
कस्टम विभाग की ओर से पेश SG तुषार मेहता की दलीलों को अस्वीकार करते हुए पीठ ने यह कहा कि हाई कोर्ट का ये अंतरिम फैसला है इसलिए सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा। कस्टम विभाग हाई कोर्ट में 31 जुलाई को होने वाली सुनवाई में अपनी बात रख सकता है। पीठ ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि वो इस मामले का जल्द निपटारा करे।
HC ने दी थी TMC सांसद की पत्नी को राहत
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के 2 जजों की पीठ ने तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला को बड़ी राहत दे दी थी। अभिषेक बनर्जी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि रुजिरा को 31 जुलाई तक कस्टम विभाग के समक्ष पेश नहीं होना पड़ेगा।
HC की एकल पीठ ने समन के अनुसार पेश होने को कहा था
इससे पहले हाईकोर्ट की एकल पीठ ने रुजिरा को समन के अनुसार 8 अप्रैल को कस्टम विभाग के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि एकल पीठ ने यह भी कहा था कि कस्टम विभाग उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठा सकता है। बाद में अभिषेक की पत्नी की ओर से डिविजन बेंच में कस्टम के समक्ष पेश होने पर रोक लगाने के लिए अपील की गई। कोर्ट ने यह आदेश दिया कि इस मामले में रुजिरा को 31 जुलाई तक पेश नहीं होना पड़ेगा।
रुजिरा पर लगे आरोप
गौरतलब है कि रुजिरा पर आरोप है कि वो कोलकाता एयरपोर्ट पर कथित तौर पर 2 किलोग्राम सोने के साथ पकड़ी गई थीं लेकिन स्थानीय पुलिस ने उन्हें कस्टम अधिकारियों से छुड़ा लिया था।
"बंगाल में क्या हो रहा है ?"
वहीं इसी तरह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? इसी के साथ कोलकाता एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और TMC सासंद अभिषेक बनर्जी की पत्नी को कस्टम जांच के दौरान कथित तौर पर पुलिस द्वारा बचा ले जाने के आरोप पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उनकी ओर से जवाब मांगा गया था।
इस दौरान कस्टम बोर्ड के सदस्य की याचिका के लिए पेश सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को यह बताया था कि 16 मार्च को कोलकाता एयरपोर्ट पर सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी के सामान की जांच कस्टम अधिकारी करना चाहते थे लेकिन राज्य पुलिस के अफसर सुरक्षा क्षेत्र में घुस आए और उन्हें ग्रीन चैनल से ले गए।
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उक्त याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि एक अधिकारी जनहित याचिका कैसे दायर कर सकता है।