सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) से पूछा, "क्या आप टीवी देखते हैं?"
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सुदर्शन न्यूज टीवी के विवादास्पद शो के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्वयं के नियमों को लागू करने में ढिलाई पर न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (NBA) को फटकार लगाई है।
पीठ के अध्यक्ष न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने NBA को 'टूथलेस' कहा।
न्यायाधीश ने एनबीए की वकील अधिवक्ता निशा भंभानी से पूछा,
"क्या आप टीवी देखते हैं या नहीं? आपने खबर में क्या चल रहा है इसे नियंत्रित नहीं किया है।"
भंभानी ने जवाब दिया कि NBA में काफी सुधार हुआ है और उसने कई चैनलों को रिपोर्ट के मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए एयरटाइम के दौरान माफी मांगने के लिए कहा है।
वकील ने पीठ को यह भी बताया कि सभी चैनल इसके सदस्य नहीं हैं।
वकील के जवाब से असंतुष्ट पीठ ने कहा कि वह NBA द्वारा मजबूत विनियमन चाहती है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा,
"एक चीज जो आप कर सकते हैं, वह NBA को मजबूत करने के लिए एक विधि पर वापस आ सकते है, ताकि आपके पास उच्च नियामक सामग्री हो। आपके पास कुछ सदस्य हैं और आपके नियमों को लागू नहीं किया जा सकता। आपको हमें यह बताने की आवश्यकता है कि इसे कैसे मजबूत किया जा सकता है।"
15 सितंबर को जस्टिस चंद्रचूड़ ने NBA के वकील से पूछा था, "क्या आप अपने लेटरहेड से अलग हैं?"
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और केएम जोसेफ की एक पीठ ने उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें आरोप लगाया गया कि सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाण के द्वारा होस्ट किया गया शो 'बिंदास बोल' मुस्लिम सेवाओं में मुसलमानों के प्रवेश को सांप्रदायिक रूप दे रहा था।
15 सितंबर को शीर्ष अदालत ने एक प्रथम दृष्टया अवलोकन करने के बाद शो के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।
न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन टीवी समाचार चैनलों का एक स्वैच्छिक संगठन है, जो एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत है।
इसने एक आचार संहिता और प्रसारण मानक विकसित किया है और अपने मानदंडों को लागू करने के लिए एक स्वतंत्र स्व-नियामक निकाय के रूप में एक समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (NBSA) की स्थापना की है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी NBSA के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
SC में दायर अपने जवाबी हलफनामे में NBA ने कहा है कि NBSA ने 2009 से 2019 तक कुल 64 आदेश पारित किए हैं।
इसमें कहा गया कि NBSA ने कुछ चैनलों पर उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया है और कुछ अन्य को गलत सूचना देने के लिए सार्वजनिक माफी जारी करने का निर्देश दिया है।
आगे कहा कि सुदर्शन न्यूज टीवी इसका सदस्य नहीं था और इसलिए NBSA के अधिकार क्षेत्र के लिए उत्तरदायी नहीं था।
इसने सुझाव दिया कि NBA चार संहिता को उसी तरह से केबल टीवी अधिनियम के तहत वैधानिक मान्यता प्रदान की जाती है जिस तरह से ASCI के विज्ञापन संहिता को CTN नियम, 1994 में विज्ञापन संहिता में स्वीकार और मान्यता दी गई है।