राहुल गांधी पर सोशल मीडिया पोस्ट का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रौशन सिन्हा को दी अग्रिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रौशन सिन्हा को उस मामले में अग्रिम जमानत दी, जिसमें उन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया गया था।
मामले की पृष्ठभूमि
राहुल गांधी ने 2024 आम चुनावों के बाद लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया था। उसी दिन रौशन सिन्हा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कथित रूप से यह दावा किया कि राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक कहा। इस पोस्ट के आधार पर तेलंगाना में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की शिकायत पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई।
FIR में उन पर भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita), 2023 की धारा 352, 353(2), 353(1)(c) और 336(4) के तहत सार्वजनिक शांति भंग करने, जानबूझकर अपमान करने और झूठे दस्तावेज़ के माध्यम से प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने जैसे आरोप लगाए गए।
तेलंगाना हाईकोर्ट ने खारिज की थी अग्रिम जमानत याचिका
रौशन सिन्हा ने पहले अग्रिम जमानत के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने 3 अप्रैल, 2025 को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट का आदेश रद्द करते हुए कहा कि इस मामले में रौशन सिन्हा की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पुलिस जून, 2025 में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है।
अदालत ने कहा,
“आरोपों की प्रकृति को देखते हुए हमें लगता है कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी से पहले पूछताछ आवश्यक नहीं है। अतः अग्रिम जमानत का आदेश देने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद है।”
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि यदि किसी भी स्थिति में पुलिस रौशन सिन्हा को गिरफ्तार करती है तो उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की गई शर्तों पर रिहा किया जाए। साथ ही यह भी कहा गया कि वह जांच में सहयोग करते रहें और किसी भी गवाह को प्रभावित करने या धमकाने का प्रयास न करें।
अदालत ने चेतावनी दी कि इन शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।
“यह स्पष्ट किया जाता है कि जांच अधिकारी द्वारा बुलाए जाने पर अपीलकर्ता को जांच में सहयोग करना होगा और किसी भी व्यक्ति को भय या प्रलोभन देकर तथ्यों को छिपाने के लिए प्रेरित नहीं करना होगा।”
इस आदेश के साथ सुप्रीम कोर्ट ने रौशन सिन्हा को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की, जिससे उन्हें राहत मिली।