सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव चिन्हों के साथ तिरंगे झंडों के इस्तेमाल के खिलाफ याचिका खारिज की

Update: 2025-07-22 07:41 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों द्वारा पार्टी चिन्हों के साथ तिरंगे झंडों का इस्तेमाल करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस एन वी अंजरिया  और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ याचिकाकर्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक अभियान के तहत राष्ट्रीय ध्वज के तिरंगे का इस्तेमाल करने और अशोक चक्र की जगह अपने चिन्हों का इस्तेमाल करने के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से याचिका दायर की थी।

याचिकाकर्ता ने व्यक्तिगत रूप से दलील दी कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल इस प्रथा को अपना रहे हैं।

याचिकाकर्ता के अनुसार, यह राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा,

"कुछ दल राष्ट्रीय ध्वज पर अपना चिन्ह लगा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी भी ऐसा करती रही है।"

चीफ जस्टिस ने याचिका स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा,

"वे ऐसा कब से कर रहे हैं? कुछ दल आज़ादी से पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। इस याचिका को खारिज किया जाता है।"

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ याचिका दायर की थी। चुनाव आयोग और केंद्र को आधिकारिक प्रतिवादी बनाया गया था।

केस टाइटल: संजय भीमाशंकर थोबडे बनाम भारत संघ और अन्य

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