सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ हिट-एंड-रन मामले को पंजाब से दिल्ली ट्रांसफर किया

Update: 2025-10-30 06:43 GMT

पीड़ित परिवार द्वारा पक्षपात की आशंका जताए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्यरत न्यायिक मजिस्ट्रेट से जुड़े हिट-एंड-रन मामले की सुनवाई पंजाब से दिल्ली ट्रांसफर की। न्यायिक अधिकारी पंजाब में कार्यरत हैं।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता (पीड़ित की पत्नी) के वकील राजा चौधरी की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।

सुनवाई के दौरान, न्यायिक अधिकारी के वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें मुकदमे के ट्रांसफर पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया कि मुकदमे को दिल्ली के बजाय नोएडा ट्रांसफर किया जाए, क्योंकि पीड़िता की भाभी दिल्ली में वकील हैं। ऐसे में न्यायिक अधिकारी को विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

जवाब में जस्टिस कांत ने कहा,

"एक न्यायिक अधिकारी के रूप में क्या आपको लगता है कि ये बातें मायने रखेंगी?"

इस बिंदु पर वकील ने स्पष्ट किया कि न्यायिक अधिकारी को बार से विरोध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, खंडपीठ इससे सहमत नहीं थी। इसके बाद वकील ने प्रार्थना की कि मामले को रोहिणी कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए, क्योंकि पंजाब से यात्रा करते समय वह कोर्ट सबसे निकट होगा। अधिकारी की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए, क्योंकि उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है और जमानत दी।

तदनुसार, कोर्ट ने मुकदमे को फगवाड़ा कोर्ट से मुख्य महानगर दंडाधिकारी, रोहिणी कोर्ट, दिल्ली को ट्रांसफर करने की अनुमति दी।

यह मामला याचिकाकर्ता द्वारा दायर अन्य ट्रांसफर याचिका के साथ सूचीबद्ध किया गया, जिसमें मामले की जांच पंजाब पुलिस से CBI को ट्रांसफर करने की मांग की गई। इस याचिका का निपटारा करते हुए खंडपीठ ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को आवश्यकता पड़ने पर आगे की जांच के लिए ट्रांसफर दिल्ली कोर्ट में आवेदन करने की स्वतंत्रता होगी, जिस पर संबंधित दंडाधिकारी कानून के अनुसार निर्णय लेंगे।

खंडपीठ ने आगे कहा कि यदि आगे किसी जांच की आवश्यकता होगी तो उसे दिल्ली पुलिस को सौंपा जाएगा। पक्षों की सहमति से उसने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में याचिकाकर्ता द्वारा दायर मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावे के मामले को भी दिल्ली ट्रांसफर कर दिया।

दावों के अनुसार, याचिकाकर्ता के पति की इस वर्ष फरवरी में हुई हिट-एंड-रन घटना में मृत्यु हो गई। आरोपी पंजाब के होशियारपुर में तैनात परिवीक्षाधीन न्यायिक अधिकारी है। यह मामला फगवाड़ा के न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोप-निर्धारण के चरण में लंबित था।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए फगवाड़ा कोर्ट में लंबित मुकदमे की आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई और याचिकाकर्ता से कहा कि वह संबंधित रिट याचिका ट्रांसफर करने का अनुरोध करे, क्योंकि दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने पंजाब में निष्पक्ष सुनवाई के अभाव की आशंका जताई, क्योंकि आरोपी वहां न्यायिक सेवा में कार्यरत है।

Case Title: AASHIMA Versus THE STATE OF PUNJAB AND ANR., Diary No. 54082-2025 (and connected case)

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