देशभर की सड़कों से हटाए जाए आवारा जानवर: सुप्रीम कोर्ट ने आश्रयों में भेजने का दिया आदेश

Update: 2025-11-07 10:07 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय और राज्य प्राधिकरणों को आदेश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से तुरंत आवारा जानवरों, जिनमें मवेशी भी शामिल हैं, को हटाएं।

न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन राजमार्गों और सार्वजनिक स्थानों की पहचान करें जहां आवारा जानवर अक्सर दिखाई देते हैं और उन्हें कानून के अनुसार निर्दिष्ट आश्रयों में स्थानांतरित करें। साथ ही, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि राजमार्गों और समान स्थलों पर नियमित अंतराल पर हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित किए जाएं ताकि यात्री आवारा जानवरों की उपस्थिति या उनसे जुड़े हादसों की तुरंत सूचना दे सकें।

जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजनिया की खंडपीठ ने यह आदेश पारित करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से बरकरार रखा और निम्नलिखित निर्देश दिए —

• सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के नगर निगम, सड़क परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले राज्य राजमार्गों, राष्ट्रीय राजमार्गों और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे से सभी आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों को हटाया जाए।

• संबंधित अधिकारी एक संयुक्त अभियान चलाकर उन सड़कों और राजमार्गों की पहचान करें जहां अक्सर आवारा मवेशी या अन्य जानवर दिखाई देते हैं और उन्हें तुरंत हटाकर निर्धारित आश्रयों में ले जाया जाए।

• पकड़े गए मवेशियों और अन्य जानवरों को उचित आश्रयों में रखा जाए और Prevention of Cruelty to Animals Act तथा ABC Rules के अनुसार पशु-चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

• सभी राजमार्गों पर समर्पित पेट्रोलिंग टीमें या मौजूदा सड़क सुरक्षा इकाइयाँ नियुक्त की जाएँ जो चौबीसों घंटे काम करें और स्थानीय पुलिस, पशु चिकित्सक तथा नगर निकायों के साथ समन्वय बनाए रखें।

• सभी राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर हेल्पलाइन नंबर नियमित अंतराल पर लगाए जाएँ ताकि यात्री आवारा जानवरों की उपस्थिति या उनसे हुए हादसे की रिपोर्ट कर सकें। ये हेल्पलाइन नंबर स्थानीय पुलिस, एनएचएआई और जिला प्रशासन के नियंत्रण कक्षों से जुड़ी हों ताकि वास्तविक समय में कार्यवाही की जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, एनएचएआई के चेयरमैन और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय यह सुनिश्चित करें कि इन आदेशों का सख्ती से पालन हो। यदि किसी क्षेत्र में लापरवाही या बार-बार घटना होती है तो संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन आदेशों को पूरे भारत में लागू किया जाए और सभी राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश, एनएचएआई के अध्यक्ष और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय आठ हफ्तों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें, जिसमें आवारा जानवरों को हटाने और उनके पुनर्वास की व्यवस्था, पेट्रोलिंग टीमों का गठन, हेल्पलाइन सुविधाओं की स्थिति और हेल्पलाइन नंबरों वाले साइनबोर्ड लगाने की जानकारी शामिल हो।

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