सुप्रीम कोर्ट ने नवजात को दूध पिलाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर अलग से कमरा उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर केंद्र, राज्यों को जारी किया नोटिस

Update: 2022-10-21 04:58 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नवजात को दूध पिलाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर अलग से कमरा उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया।

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस जे के माहेश्वरी की बेंच ने कहा,

"यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हम मामले में नोटिस जारी करते हैं।"

कोर्ट में 'मातृ स्पर्श' नाम की संस्था की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक जगहों पर अलग से कमरा उपलब्ध नहीं होने के कारण नवजात बच्चों को दूध पिलाने में परेशानी होती है। इस तरह की सुविधा के अभाव में नवजात बच्चों और उनकी माताओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि कई जगह एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसी महत्वपूर्ण इमारतों में भी नवजात शिशु की देखभाल के लिए जरूरी कमरे उपलब्ध नहीं हैं। इससे बच्चों को दूध पिलाने में समस्या होती है।

आपको बता दें, इससे पहले साल 2021 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इसी तरह के एक मामले में कहा था कि शिशु को स्तनपान कराना मां का अधिकार है। संविधान का अनुच्छेद-21 मां को यह अधिकार देता है और इसे छीना नहीं जा सकता। इसी तरह नवजात को पूरा हक है कि उसे उसकी मां का दूध मिले। ये दोनों आपस में जुड़े समवर्ती अधिकार हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इसी तरह के एक मामले में दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।

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