सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पंजाब मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की आय से अधिक संपत्ति मामले में जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2025-12-19 07:54 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कथित आय से अधिक संपत्ति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी SLP पर नोटिस जारी किया, जिसने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(b) के सपठित धारा 13(2) के तहत पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज FIR में मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने मजीठिया की अंतरिम जमानत की प्रार्थना भी खारिज कर दी।

मजीठिया की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ. एस मुरलीधर ने कहा कि पंजाब सरकार ने उन्हीं वित्तीय लेन-देन के आधार पर उनके खिलाफ नया भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करके आपराधिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया, जिन पर पहले एक NDPS मामले में भरोसा किया गया, जिसमें उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी।

उन्होंने कहा कि उन्हें पहले NDPS मामले में जमानत मिल गई और जमानत आदेश को राज्य की चुनौती विफल हो गई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी। उन्होंने बताया कि उन कार्यवाही के दौरान, राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पूरक हलफनामा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि उसने कुछ वित्तीय लेन-देन से संबंधित सबूतों का पता लगाया है, जो कथित तौर पर NDPS मामले से जुड़े हैं।

मुरलीधर ने कहा,

"ट्रायल कोर्ट कहता है कि चार्जशीट अभी दायर नहीं हुई, इसलिए मैं जमानत नहीं दे रहा हूँ। ट्रायल कोर्ट के यह कहने के 4 दिन बाद चार्जशीट दायर की जाती है। बाकी सभी के खिलाफ जांच पूरी हो गई है। यह बहुत अनुचित है।"

जब बेंच चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस जारी करने पर सहमत हुई तो मुरलीधर ने अंतरिम जमानत के लिए गुहार लगाई।

जस्टिस नाथ ने कहा,

"नहीं, नहीं।"

मामले पर अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी।

Case Title – Bikram Singh Majithia v. State of Punjab

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