सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल की एक लड़की के गर्भपात की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, मेडिकल बोर्ड से रिपोर्ट मांगी

Update: 2021-03-02 10:14 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 14 साल की एक लड़की की 27 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है।

सीजेआई बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की तीन-न्यायाधीश पीठ ने मेडिकल बोर्ड को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान पीड़ित लड़की की ओर से पेश एडवोकेट वीके बीजू ने कोर्ट से इस मामले को देखने के लिए मेडिकल बोर्ड को निर्देश देने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को जल्द ही सुना जाए, क्योंकि लड़की गर्भावस्था के 26 वें सप्ताह में है।

न्यायालय ने हालांकि भारत सरकार और हरियाणा राज्य सरकार को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है।

वर्तमान मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि पीड़िता, जो 14 साल की है और 8 वीं कक्षा की छात्रा है, का उसके पिता के पहले चचेरे भाई द्वारा बलात्कार किया गया था। इसका आरोप है कि आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया और उसे ब्लैकमेल करने के लिए उसकी नग्न तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया। अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट के अनुसार, लड़की 25-27 सप्ताह और 2 दिन, प्लस या माइनस दो सप्ताह की गर्भवती है।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी प्रस्तुत किया कि चूंकि आरोपी पीड़ित याचिकाकर्ता का प्रत्यक्ष रक्त रिश्तेदार है, इसलिए जन्म लेने वाले बच्चे में मानसिक और शारीरिक असामान्यताएं हो सकती हैं और इसलिए गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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