सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की अजीबोगरीब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में एचआईवी से पीड़ित आरोपी को जमानत दी।
जस्टिस एसआर भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने राजस्थान हाईकोर्ट के तीन मार्च, 2022 के आदेश का पर दायर एसएलपी पर जमानत दे दी।
14 मार्च, 2022 को पीठ ने राज्य को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ता की वर्तमान स्थिति को प्रमाणित करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखे और उस बीमारी से निपटे जिससे वह पीड़ित है।
मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया,
"रोगी को आराम करते समय गंभीर डिस्पेनिया होता है और वह बिना सहारे के चलने में असमर्थ है। प्रतिरक्षा से समझौता होने के कारण अस्वस्थ रोगी को बार-बार संक्रमण होने का खतरा होता है। रोगी को नियमित उपचार की आवश्यकता होती है।"
जमानत पर आरोपी को रिहा करने का निर्देश देते हुए बेंच ने कहा कि आरोपी ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी वायरस (एचआईवी) की धारा 34 (2) और एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 के तहत अपनी अपील के शीघ्र निपटान के लिए लाभ का हकदार है।
प्रावधान में निम्नानुसार कहा गया है:
एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति से संबंधित या उससे संबंधित किसी भी कानूनी कार्यवाही में अदालत प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही करेगी और उसका निपटारा करेगी।"
तद्नुसार शीर्ष न्यायालय ने हाईकोर्ट को याचिकाकर्ता की अपील पर जल्द से जल्द सुनवाई करने और उससे निपटाने के लिए उचित कदम उठाने को कहा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों पर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाए।
अदालत ने आगे कहा,
"सामान्य परिस्थितियों के अलावा, संबंधित अदालत याचिकाकर्ता द्वारा संबंधित पुलिस स्टेशन में समय-समय पर रिपोर्टिंग के संबंध में उपयुक्त शर्तें भी लगाएगी, क्योंकि उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं।"
केस का नाम: भवानी सिंह बनाम राजस्थान राज्य | अपील करने के लिए विशेष अनुमति (Crl।) नहीं (ओं)। 2225/2022
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