ओबुलापुरम खनन मामले में जस्टिस सुधांशु धूलिया के नेतृत्व में समिति गठित

Update: 2025-09-25 07:32 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पूर्व जज जस्टिस सुधांशु धूलिया को आंध्र प्रदेश राज्य के ओबुलापुरम खनन मामले में अवैध अतिक्रमण, खनन और अन्य अनधिकृत गतिविधियों की सीमा की जांच हेतु पट्टे वाले क्षेत्रों और आरक्षित वन क्षेत्रों की सीमाएं निर्धारित करने हेतु गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस मामले में कर्नाटक के पूर्व पर्यटन और अवसंरचना मंत्री गली जनार्दन रेड्डी भी अभियुक्तों में से एक हैं।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बी.आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने मिलकर आंध्र प्रदेश के आयुक्त और खान एवं भूविज्ञान निदेशक के 18 सितंबर के पत्र पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर समिति गठित करने के लिए न्यायालय से अनुरोध करने का निर्णय लिया है।

यद्यपि प्रतिवादी ने इस सुझाव का कड़ा विरोध किया और कहा कि केवल पट्टा-क्षेत्रों के सीमांकन पर सहमति बनी थी। फिर भी न्यायालय ने राज्य के सुझाव को स्वीकार कर लिया।

समिति की संरचना इस प्रकार है:

i. जस्टिस सुधांशु धूलिया, पूर्व जज, सुप्रीम कोर्ट, समिति के अध्यक्ष होंगे।

ii. केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) के अध्यक्ष द्वारा नामित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) का एक सदस्य।

iii. सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग (खान), आंध्र प्रदेश सरकार या उनके द्वारा नामित व्यक्ति जो उप सचिव के पद से नीचे का न हो।

iv. सचिव, पर्यावरण, वन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, आंध्र प्रदेश सरकार, उनके द्वारा नामित व्यक्ति जो उप सचिव के पद से नीचे का न हो।

v. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का एक नामित व्यक्ति, जो उस विभाग के सचिव द्वारा नामित हो।

vi. सचिव, राजस्व विभाग, आंध्र प्रदेश सरकार या उनके द्वारा नामित व्यक्ति जो उप सचिव के पद से नीचे का न हो। साथ ही, समिति की बैठकों के समन्वय हेतु समिति के संयोजक-सह सचिव के रूप में कार्य करना।

रिपोर्ट 3 महीने के भीतर प्रस्तुत की जानी है।

Case Details: GOVT.OF A.P. & ORS. v. M/S OBULAPURAM MINIG.CO.P.LTD. & ORS.

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