सुप्रीम कोर्ट ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए उनके नामांकन स्वीकार करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली डॉ मंदाती थिरुपति की याचिका खारिज की

Update: 2022-08-01 07:59 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President of India) पद के लिए उनके नामांकन को स्वीकार करने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग करने वाली डॉ मंदाती थिरुपति रेड्डी (Dr Mandati Thirupari Reddy) की याचिका को खारिज कर दिया।

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट की खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा,

"भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर वर्तमान याचिका में जिस तरह की राहत की प्रार्थना की गई है, हमारे विचार में उस पर विचार नहीं किया जा सकता है और न ही राहत दी जा सकती है। याचिका पूरी तरह से गलत है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।"

सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा,

"आपके अनुसार, आपके नामांकन का समर्थन करने वाले 20 सांसदों की आवश्यकता, आप उस समर्थन को प्राप्त नहीं कर सके, आप पार्टी पदाधिकारी के खिलाफ किसी प्रकार का अनिवार्य निषेधाज्ञा चाहते हैं कि वे आपकी उम्मीदवारी का समर्थन करें।"

कोर्ट ने जोड़ा,

"क्या आपने उस आवश्यकता का अनुपालन किया? नहीं।"

डॉ रेड्डी ने तब कोर्ट को अपनी योग्यता से अवगत कराया।

पीठ ने कहा,

"सर, हम कुछ नहीं कह रहे हैं। आप योग्य हो सकते हैं, आपकी तरह कई लोग हो सकते हैं जो खुद को पद के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त मान सकते हैं। लेकिन बात यह है कि उस पद के लिए कानूनी प्रकार के नामांकन की आवश्यकता होती है, हम आपको मनोनीत करने के लिए सांसदों या लोक सेवकों को मजबूर नहीं कर सकते। हम ऐसा कैसे कर सकते हैं?"

अदालत ने आगे कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत डॉ रेड्डी की प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

पीठ ने आगे कहा,

"ठीक है, इसमें कोई शक नहीं सर। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप अपात्र हैं, निश्चित रूप से आप पात्र हैं। एकमात्र मुद्दा यह है कि आप अपनी उम्मीदवारी की पेशकश कर सकते हैं या नहीं। उस उम्मीदवारी का समर्थन किसी ऐसी चीज से होना चाहिए जिसकी कानून को आवश्यकता हो। "

जून में, सुप्रीम कोर्ट ने डॉ मंदाती थिरुपति रेड्डी की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की मांग की थी, जिसे महासचिव, लोकसभा, संसद भवन के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा खारिज कर दिया गया था।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ ने कहा था कि याचिकाकर्ता का नामांकन पत्र राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 की धारा 5बी(1)(ए) के तहत परिकल्पित आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं करता है।

केस टाइटल: डॉ मांडती थिरुपथु रेड्डी बनाम भारत निर्वाचन आयोग डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 576/2022


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