शराब नीति मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी : सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका पर आज सुनवाई करेगा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अब रद्द की गई आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने तत्काल लिस्टिंग के लिए याचिका मेंशन करने जिसके बाद सीजेआई संविधान पीठ की बैठक के बाद आज दोपहर 3.50 बजे इस पर सुनवाई करने पर सहमत हुए।
सीजेआई ने उल्लेख के दौरान पूछा कि सिसोदिया सीआरपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट के समक्ष उपलब्ध उपायों का लाभ क्यों नहीं उठा सकते। सीजेआई ने बताया कि अदालत ने पवन खेड़ा के मामले में पिछले हफ्ते हस्तक्षेप किया क्योंकि कई राज्यों में दर्ज एफआईआर को समेकित करने की प्रार्थना की गई थी। सिंघवी ने कहा कि यह एक असाधारण मामला है जिसमें अनुच्छेद 32 के तहत हस्तक्षेप की आवश्यकता है। उन्होंने विनोद दुआ मामले में फैसले का हवाला दिया।
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सिसोदिया को 4 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया से पूछताछ के लिए सीबीआई की पांच दिन की हिरासत के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था।
सिसोदिया को 8 घंटे से ज्यादा की पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार किया गया था। एफआईआर में उन्हें आरोपी बनाया गया था। जांच एजेंसी का मामला है कि वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताएं हुई हैं।
रविवार को सीबीआई ने दूसरे दौर की पूछताछ शुरू की थी। सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ हुई थी। मामले में चार्जशीट 25 नवंबर, 2022 को दायर की गई थी।