आप उनकी रक्षा कर रहे हैं: सुप्रीम कोर्ट की मध्यप्रदेश सरकार को फटकार, हिरासत मौत मामले में फरार पुलिसकर्मियों पर सख़्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मध्यप्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया और सवाल किया कि 26 वर्षीय देवा परधि की हिरासत में मौत के मामले में आरोपित दो पुलिस अधिकारी पांच महीने से ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हैं। फिर भी उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया गया।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे मृतक देवा परधि की मां ने दायर किया है।
कोर्ट ने इससे पहले 15 मई, 2025 को CBI को एक माह के भीतर सभी दोषी अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
जस्टिस महादेवन ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा,
"आप उनके साथ मिले हुए हैं। अप्रैल से तलाश कर रहे हैं तो अब तक निलंबित क्यों नहीं किया।"
यह तथ्य सामने आया कि अधिकारियों को केवल कल ही निलंबित किया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को CBI से उनके गिरफ्तारी न होने पर कठोर सवाल पूछे थे।
जस्टिस नागरत्ना ने तीखी टिप्पणी की,
"कल ही क्यों आप कह रहे हैं कि अप्रैल से फरार हैं। इसका मतलब है कि आप उनकी रक्षा कर रहे हैं।"
CBI की ओर से एएसजी राजा ठाकरे ने बताया कि शारीरिक निगरानी, वित्तीय लेनदेन पर नज़र, टोल प्लाज़ा और सोशल मीडिया की जांच जैसे प्रयास किए गए पर कोई सफलता नहीं मिली।
इस पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा,
"इसका क्या अर्थ है यह सब दिखावा है। कड़े कदम उठाइए।"
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट पयोशी रॉय ने बताया कि एक आरोपी अधिकारी ने हाल ही में ग्वालियर में एंटिसिपेटरी बेल अर्जी के लिए शपथपत्र पर हस्ताक्षर और नोटरी करवाया।
इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि जब गिरफ्तारी का आदेश सुप्रीम कोर्ट से है तो अग्रिम जमानत याचिका दाख़िल ही कैसे हो गई?
जस्टिस महादेवन ने कहा,
"यह तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। अधिकारी महीनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे और आप चुप बैठे हैं।”
सुनवाई के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि आरोपित अधिकारियों को कल तक वेतन मिलता रहा जबकि उन्हें फरार बताया जा रहा है।
राज्य सरकार ने दलील दी कि जांच CBI को सौंपी जा चुकी है और गिरफ्तारी का आदेश भी सीबीआई के लिए था।
हालांकि, जस्टिस महादेवन ने इसे अस्वीकार कर कहा,
"ऐसा कोई आदेश नहीं था कि केवल CBI ही गिरफ्तारी करेगी। अगर आपके ही अधिकारी शामिल हैं तो आप हाथ नहीं झाड़ सकते।"
अंत में सुप्रीम कोर्ट ने मामला कल सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित करते हुए कहा,
"सबसे अच्छा यही होगा कि आप कल आकर बताएं कि दोनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।"