सुप्रीम कोर्ट मराठा कोटा फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पिटीशन सूचीबद्ध करने पर सहमत

Update: 2023-10-13 06:10 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (13 अक्टूबर) को कहा कि वह मराठा कोटा फैसले के खिलाफ सुधारात्मक याचिका (Curative Petition) को उचित समय पर सूचीबद्ध करेगा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मामले का उल्लेख किया।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हम सुधारात्मक याचिका पर कार्रवाई कर रहे हैं, हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।"

सुधारात्मक याचिका मई 2021 में 5-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई है, जिसने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण प्रदान करने वाले महाराष्ट्र कानून को रद्द कर दिया था।

पीठ ने महाराष्ट्र एसईबीसी अधिनियम 2018 को इस हद तक रद्द कर दिया कि यह मराठों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग मानता है और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। पीठ ने मराठाओं को नौकरी और शिक्षा में दिया गया आरक्षण रद्द कर दिया। पीठ ने कहा कि 50% की सीमा का उल्लंघन करके मराठों को कोटा प्रदान करने के लिए कोई असाधारण परिस्थितियां नहीं दिखाई गईं।

पीठ ने 3:2 के बहुमत से फैसले में यह भी कहा कि संविधान में 102वें संशोधन के बाद राज्यों के पास सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने की कोई शक्ति नहीं है । जुलाई 2021 में 5 जजों की बेंच ने फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार ने भी फैसले के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि राज्य के पास एसईबीसी की पहचान करने की कोई शक्ति नहीं है। पीठ ने केंद्र की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी।

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