पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला: सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी ने फिरोजपुर के एसएसपी को जिम्मेदार ठहराया

Update: 2022-08-25 06:23 GMT

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के अनुसार, पंजाब के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस, जनवरी 2022 में पंजाब की अपनी यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री की सुरक्षा (PM Modi Security Lapse) सुनिश्चित करने में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे।

जनवरी 2022 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई भारत के चीफ जस्टिस एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने की।

इससे पहले कोर्ट ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा को नियुक्त किया था।

यह मुद्दा 5 जनवरी को पंजाब के भटिंडा में एक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री के फंसने से संबंधित है, जब किसानों के एक समूह ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था।

सुनवाई में सीजेआई रमना ने कमेटी की रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें कहा गया था कि हरमनदीप सिंह हंस, पंजाब एसएसपी फिरोजपुर अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे, और उनके पास पर्याप्त समय और फोर्स उपलब्ध होने के बावजूद एक्शन लेने में विफल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, पीएम के प्रवेश करने से पहले, एसएसपी निर्देशों पर कार्रवाई करने में विफल रहे। समिति की रिपोर्ट ने 'ब्लू बुक' की आवधिक समीक्षा के लिए एक समिति के गठन की भी सिफारिश की।

CJI ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी ताकि वे उस पर कार्रवाई कर सकें।

पूरा मामला

भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने वकीलों की आवाज नामक एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर एक जनहित याचिका में आदेश पारित किया था।

जांच समिति के गठन के लिए 12 जनवरी को पारित आदेश में, अदालत ने कहा कि प्रश्नों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता है और न्यायिक रूप से जांच की निगरानी करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक या उनके नामांकित व्यक्ति जो आईजी के पद से निचले स्तर पर नहीं हैं, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, पंजाब के एडीजीपी (सुरक्षा) और पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल (जिन्होंने प्रधानमंत्री के दौरे से संबंधित रिकॉर्ड जब्त कर लिया है) समिति के अन्य सदस्य हैं।

कमेटी के समक्ष सवाल

1. 5 जनवरी 2022 की घटना के लिए सुरक्षा उल्लंघन के क्या कारण थे?

2. इसके लिए कौन जिम्मेदार है, और किस हद तक?

3. प्रधान मंत्री की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय क्या होने चाहिए?

4. अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा में सुधार के लिए कोई सुझाव या सिफारिशें।

5. कोई अन्य आकस्मिक मुद्दा जो कमेटी उचित समझे।

कोर्ट ने कहा कि भविष्य में इस तरह की चूक की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए नए उपाय विकसित करने की भी आवश्यकता है।

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