अभिनेता सोनू सूद बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जिसमें अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी के नोटिस के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया गया था
अभिनेता सोनू सूद ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें मुंबई के जुहू इलाके में स्थित उनके था।
शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने वाले वकील विनीत ढांडा ने पीटीआई को बताया कि, " अभिनेता सूद ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
अभिनेता की अपील और आवेदन को खारिज करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि, "कानून केवल उन लोगों की मदद करता है जो मेहनती हैं।"
सूद के वकील ने पिछले साल अक्टूबर में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा जारी नोटिस का अनुपालन करने के लिए 10 सप्ताह का समय मांगा था और उच्च न्यायालय से नागरिक निकाय को विध्वंस कार्रवाई शुरू नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने इनकार करते हुए कहा था कि अभिनेता के पास अतीत में पर्याप्त अवसर थे और यदि आवश्यक हो, तो वह नागरिक निकाय से संपर्क कर सकता है।
सूद ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिन्होंने डिंडोशी शहर की एक अदालत के एक आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके द्वारा किए गए कथित अवैध निर्माण को लेकर जारी किए गए बीएमसी के नोटिस के खिलाफ उनका मुकदमा खारिज कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय के अंतरिम आवेदन में अभिनेता ने बीएमसी को जुहू क्षेत्र में अपनी आवासीय संपत्ति के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई करने से रोकने के लिए कोर्ट से आदेश देने की मांगा की थी।
अभिनेता सूद के वकील ने हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि, "याचिकाकर्ता (सूद) ने इमारत में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया है जो बीएमसी से अनुमति ली जाए। महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (MRTP) अधिनियम के तहत केवल जिन बदलावों की अनुमति है उतना ही बदलाव किया गया है।"
बीएमसी के अनुसार, बॉलीवुड अभिनेता ने छह मंजिला आवासीय भवन 'शक्ति सागर' में संरचनात्मक परिवर्तन किए थे और अपेक्षित अनुमति के बिना इसे होटल में बदल दिया था।
बीएमसी ने इस महीने की शुरुआत में जुहू पुलिस स्टेशन में एक शिकायत भी दर्ज की थी, जिसमें सूद के खिलाफ कथित रूप से आवासीय भवन को बिना अनुमति के होटल में परिवर्तित करने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। बीएमसी द्वारा इमारत का निरीक्षण करने के बाद पुलिस को शिकायती पत्र भेजा गया था और पाया गया कि सूद ने कथित रूप से नियमों का अनुपालन नहीं किया था। इसके साथ ही पिछले साल अक्टूबर में उन्हें नोटिस दिए जाने के बाद भी अनधिकृत निर्माण जारी था। पुलिस अभी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कर सकी है।