सुप्रीम कोर्ट में नया नियम : जमानत, अग्रिम जमानत और ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी एक जज की पीठ

Update: 2019-09-20 05:36 GMT

सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों से निपटने के लिए अब एक और नया नियम बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में अब जमानत, अग्रिम जमानत और ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक जज की पीठ का गठन होगा।सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रपति की मंजूरी से संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट नियम (संशोधन) 2019 को लागू किया गया है। इनके तहत

* CrPC की धारा 437, 438 या 439 के तहत जमानत या अग्रिम जमानत को लेकर SLP, जिन अपराधों में सात साल तक की सजा का प्रावधान होगा

* CrPC की धारा 406 के तहत ट्रांसफर याचिकाएं और

* CPC की धारा 25 के तहत सिविल मामलों में

जरूरी ट्रांसफर याचिका की सुनवाई CJI द्वारा नामांकित एकल जज पीठ करेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि CJI समय- समय पर इसमें और केसों की श्रेणी जोड़ सकते हैं। गौरतलब है कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट में कम से कम दो जजों की पीठ किसी मामले की सुनवाई करती है। इसके बड़ी तीन जजों की पीठ होती है और फिर 5,7,9,11 और 13 जजों की संविधान पीठ का गठन होता है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 होने के साथ ही अब इतिहास में पहली बार देश की सबसे बड़ी अदालत में 17 कोर्ट काम करेंगी। अभी तक इनकी संख्या 15 थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस में बताया गया है कि CJI रंजन गोगोई ने दो नई कोर्ट 16 और 17 बनाई हैं जो कोर्ट नंबर 10 के निकट काम करेंगी।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट में चार नए जजों जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस आर रविन्द्र भट्ट, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन और जस्टिस हृषिकेश रॉय की नियुक्ति को मंजूरी दी और 23 सितंबर को चारों शपथ लेंगे। इसके साथ ही जजों की क्षमता पूरी 34 हो गई है।

अगस्त में संसद में भारत के मुख्य न्यायाधीश को छोड़कर सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 30 से बढ़ाकर 33 करने का प्रस्ताव पास किया था और राष्ट्रपति के अनुमति देते ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन चारों को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी।  



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