दो साल से अधिक समय के बाद जेल से रिहा हुए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के 1 महीने से अधिक समय बाद, दो साल से अधिक समय से जेल में बंद रहे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) को रिहा किया गया।
बता दें, कप्पन को 5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस में अशांति पैदा करने की साजिश के आरोप में तीन अन्य लोगों के साथ हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था, जहां एक दलित लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। हालांकि, यह उनका मामला है कि एक पत्रकार होने के नाते वह मामले की रिपोर्ट करने के लिए वहां जा रहे थे।
जबकि शुरू में कप्पन को शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में कप्पन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह और उनके सह-यात्री सांप्रदायिक दंगे भड़काने और हाथरस गैंगरेप-हत्या के मामले के मद्देनजर सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।
पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अन्य सभी मामलों में जमानत दे दी थी , हालांकि, पीएमएलए मामले के लंबित रहने के कारण वह जेल से बाहर नहीं निकल सके। अक्टूबर 2022 में, लखनऊ सत्र अदालत ने पीएमएलए मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2022 में उन्हें मामले में जमानत दे दी क्योंकि यह नोट किया गया था कि आरोपों के अलावा कि उनके सह-आरोपी (अतीकुर रहमान) के बैंक खाते में 5 हज़ार रुपए ट्रांसफर किए गए थे, कोई अन्य लेनदेन नहीं था।
पीठ ने कहा,
" यहां तक कि अगर यह माना जाता है कि अपराध की आय का हिस्सा सह-आरोपी अतीकुर रहमान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था तो यह साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है कि अभियुक्त-आवेदक ने अपराध की आय 1,36,14,291/- रुपये से कार्रवाई की है जो कथित तौर पर केए रऊफ शरीफ से लिये गए थे।"