अब जिला जज करेंगे सेंथिल बालाजी भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई

Update: 2024-10-25 13:44 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि नकदी-के-लिए-नौकरी घोटाले से उत्पन्न भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले, जिसमें तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी मुख्य आरोपी हैं, अब जिला जज को सौंप दिए गए, जिनका कार्यभार कम होगा, जो केवल इन विशिष्ट मामलों को ही संभालेंगे।

जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दर्ज किया -

“इस न्यायालय के 30 सितंबर, 2024 के आदेश के अनुसरण में मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा रिपोर्ट दाखिल की गई। रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि 30 सितंबर, 2024 के आदेश में सूचीबद्ध मामलों को एमपी और एमएलए, चेन्नई से संबंधित आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट नंबर 1 (जिला जज के कैडर में) की फाइल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया, जहां रिपोर्ट की तिथि तक लंबित मामलों की संख्या केवल तीन है।”

30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की देखरेख करने वाले जज के भारी कार्यभार के कारण मुकदमे का प्रबंधन करने के लिए एक और सेशन जज नियुक्त करे। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि मुकदमे की जिम्मेदारी ऐसे जज को सौंपी जानी चाहिए, जो इस मामले के बड़े पैमाने को देखते हुए अधिक कार्यभार न उठाए, जिसमें 2,000 से अधिक आरोपी और 600 अभियोजन पक्ष के गवाह शामिल हैं।

शिकायतकर्ताओं के लिए सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने भी विशेष अभियोजक की नियुक्ति की मांग की, जिसके समक्ष अभियोजन पक्ष को रिपोर्ट करना चाहिए।

उन्होंने तर्क दिया,

"सरकारी अभियोजक अभियोजन निदेशक को रिपोर्ट करता है, जो गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री करते हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने खुले तौर पर ट्वीट करके कहा कि सेंथिल बालाजी को गलत तरीके से कैद किया गया, उन्हें फंसाया गया आदि। अगर न्याय होता हुआ देखना है तो यह कमांड चेन काम नहीं करेगी। मैं मांग कर रहा हूं कि इस अदालत द्वारा विशेष अभियोजक नियुक्त किया जाए, जिसके समक्ष अभियोजक रिपोर्ट करेगा। अप्रत्यक्ष रूप से आरोपी को रिपोर्ट न की जाए।"

जस्टिस ओक ने सवाल किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट किसी अभियोजक को दूसरे अभियोजक को रिपोर्ट करने का निर्देश दे सकता है। शंकरनारायणन ने जवाब दिया कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में ऐसा किया गया। कहा कि वह इस मामले पर एक आवेदन दायर करेंगे।

केस टाइटल- वाई. बालाजी बनाम सहायक पुलिस आयुक्त केंद्रीय अपराध शाखा (नौकरी रैकेटिंग) और अन्य।

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