'कड़े शब्दों में निंदा': SCAORA ने 10 साल की प्रैक्टिस का अनुभव रखने वाले वकीलों को AoR परीक्षा से छूट देने की SCBA प्रेसिडेंट की मांग पर आपत्ति जताई

Update: 2022-05-23 02:15 GMT

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रेसिडेंट, सीनियर एडवोकेट विकास सिंह द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए पत्र पर आपत्ति जताई।

इस पत्र में सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने सीजेआई से अनुरोध किया है कि 10 साल से अधिक प्रैक्टिस वाले वकीलों को सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) के चयन के लिए होने वाली परीक्षा से छूट दी जानी चाहिए। विकास सिंह के इस सुझाव का सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने विरोध किया है।

सिंह ने एओआर परीक्षा से 10 वर्ष की प्रैक्टिस का अनुभव रखने वाले वकीलों को छूट देने के लिए सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 के आदेश IV नियम 5 (ii) में संशोधन की मांग की। उन्होंने यह अनुरोध 19 मई को मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में किया, जिसका शीर्षक "अर्जेंट इश्यू ऑफ द बार" (बार के तत्काल मुद्दे) था।

SCAORA के प्रस्ताव में कड़े शब्दों में कहा गया कि सिंह द्वारा लिखा गया पत्र मनमाना है, उसमें दूरदर्शिता की कमी है और भारत के सुप्रीम कोर्ट में अच्छी तरह से स्थापित प्रक्रिया और प्रैक्टिस के विपरीत है और इसलिए इसकी मजबूत शब्दों में निंदा की जाती है।

यह भी कहा गया है कि प्रस्तावित संशोधन न केवल प्रशासन और न्याय व्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा बल्कि यह सामान्य वादियों के हितों के लिए भी प्रतिकूल है।

SCAORA के प्रस्ताव में कहा गया कि

" यह निर्णय लिया गया कि उक्त पत्र पर औपचारिक आपत्ति भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश को भेजी जाए।

SCAORA के सदस्यों और कार्यकारी समिति की पूर्वोक्त स्थिति और कानून की सुव्यवस्थित स्थिति को देखते हुए हमें विश्वास है कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश मिस्टर विकास सिंह के सुप्रीम कोर्ट रुल्स में संशोधन के अनुरोध पर विचार नहीं करेंगे। "

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