सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की

Update: 2022-09-27 05:46 GMT

जस्टिस दीपांकर दत्ता

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Datta) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की।

सुप्रीम कोर्ट में जजों के लिए स्वीकृत 34 पदों में से 5 पद खाली हैं। जस्टिस दत्ता की नियुक्ति से जजों की कुल संख्या 30 हो जाएगी।

जस्टिस दत्ता कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, दिवंगत (जस्टिस) सलिल कुमार दत्ता के पुत्र हैं।

जस्टिस दत्ता का जन्म फरवरी 1965 में हुआ और उन्होंने अपनी एलएलबी की डिग्री 1989 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। वे 16 नवंबर, 1989 को एक एडवोकेट के रूप में इनरोल हुए। वे 16 मई, 2002 से 16 जनवरी, 2004 तक पश्चिम बंगाल राज्य के लिए सरकारी वकील रहे।

उन्होंने 22 जून, 2006 से कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्हें 28 अप्रैल, 2020 को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

बॉम्बे हाईकोर्ट के सीजे के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय पारित किए, जिसमें बिस्तर पर पड़े लोगों के लिए घरेलू टीकाकरण, उस समय महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच का निर्देश देना और अवैध निर्माणों पर एक आधिकारिक घोषणा शामिल है।

जस्टिस दत्ता 8 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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