सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अनुमति के बगैर वीडियो कांफ्रेंसिंग का लिंक साझा करने के खिलाफ एओआर और पार्टीज -इन- पर्सन को आगाह किया

SC Cautions AoRs, Parties In Person, Against Sharing Of Video Conferencing Links Without Permission Of Court

Update: 2020-11-08 08:22 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने एक सर्कुलर जारी करके अपनी अनुमति के बगैर वीडियो कांफ्रेंसिंग लिंक / स्क्रीन को अनधिकृत तरीके से साझा करने के खिलाफ एडवोकेट्स – ऑन - रिकॉर्ड (एओआर) और पार्टीज – इन - पर्सन को आगाह किया है।

सर्कुलर के अनुसार, ऐसा देखा गया है कि एडवोकेट्स – ऑन - रिकॉड वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए उपलब्ध कराये गये लिंक को सुनवाई के दौरान जिरह के वास्ते दो से अधिक वकीलों को उपलब्ध करा देते हैं, जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का उल्लंघन है। कोर्ट की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि लिंक को इस तरह अनधिकृत रूप से साझा किये जाने से कोर्ट की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न होती है।

सर्कुलर में कहा गया है,

"अधिवक्ताओं / पार्टीज – इन – पर्सन को उपरोक्त स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का उल्लंघन करके कोर्ट के समक्ष पेश होने की अनुमति नहीं दी जायेगी, बल्कि उनके ऑडियो और वीडियो तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। भविष्य में उपरोक्त दिशानिर्देशों का उल्लंघन किये जाने के लिए एडवोकेट – ऑन – रिकॉर्ड / पार्टीज – इन – पर्सन, या इस तरह के उल्लंघन के लिए अन्य संबंधित व्यक्ति को गम्भीर परिणाम भुगतने पर सकते हैं।"

सर्कुलर में कहा गया है कि सभी एडवोकेट – ऑन – रिकॉर्ड, पार्टीज – इन – पर्सन और सभी अन्य संबंधित व्यक्तियों को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि भविष्य में किसी मुकदमे की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए चार जुलाई 2020 के उपर वर्णित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का उल्लंघन करके कोर्ट की अनुमति के बिना अनधिकृत तरीके से लिंक या स्क्रीन साझा नहीं किया जाना चाहिए।

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