SC ने कार्ति चिदंबरम की 10 करोड़ रुपये वापस करने की याचिका को खारिज किया, कहा संसदीय क्षेत्र पर ध्यान दें कार्ति

Update: 2019-05-29 12:28 GMT

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और नवनिर्वाचित सासंद कार्ति चिदंबरम की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसमें उनके द्वारा विदेश यात्रा के लिए शर्त के तौर पर रजिस्ट्री में उनके द्वारा जमा किए गए 10 करोड़ रुपये को वापस दिलाने का अनुरोध किया गया था।

"जमा की गई राशि हो वापस"
कार्ति की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि उन्हें 10 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब वह ब्याज देने के लिए बाध्य हैं। ऐसी स्थिति में पहले जमा की गई राशि उन्हें वापस की जानी चाहिए।

पीठ का इस मामले पर विचार
लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि अब उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र की ओर ध्यान देना चाहिए। पीठ ने ये भी कहा कि जनवरी में जमा 10 करोड़ रुपये रिफंड करने के वो आदेश देंगे लेकिन फिर विदेश जाने के लिए 10 करोड़ की सिक्योरिटी की राशि को वो बढ़ाकर 20 करोड़ कर देंगे।

इससे पहले 14 मई को जस्टिस इंदिरा बनर्जी और संजीव खन्ना की वेकेशन बेंच के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया गया था लेकिन अदालत ने कहा कि ये मामला जरूरी नहीं है और छुट्टियों के बाद कोर्ट के सामने इसका उल्लेख किया जाना चाहिए।

कार्ति की विदेश यात्रा एवं जमा की गई रक़म
पीठ ने 7 मई को कार्ति को मई और जून में विदेश यात्रा की अनुमति दी थी लेकिन यह शर्त लगाई थी कि 10 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि जमा करने के बाद ही वो विदेश जा सकते हैं।

जनवरी में पारित शीर्ष अदालत के आदेश में कहा गया था कि उनकी वापसी पर 10 करोड़ रुपये वापस किए जाएंगे लेकिन यह रकम उन्हें वापस नहीं मिली।

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने 7 मई को कहा था कि कार्ति को 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जमा करनी होगी। यहां तक ​​कि उनकी ओर से पेश वरिष्ठ वकील के. वी. विश्वनाथन ने कहा था कि उनके द्वारा पहले जमा की गई रकम अभी भी सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के पास जमा है।

लेकिन पीठ ने कहा था, "हमें नहीं लगता कि, आपको फिर से 10 करोड़ रुपये जमा करने में कोई समस्या होगी।" गौरतलब है कि अदालत ने कार्ति को मई में यूके एवं यूएसए और जून में जर्मनी और स्पेन का दौरा करने की अनुमति दी थी।

कार्ति ने दावा किया है कि वह "पूर्व खिलाड़ी, वर्तमान प्रशासक और उद्यमी" के रूप में टेनिस से जुड़े हैं। वो प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच का सामना कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने जनवरी में भी 10 करोड़ रुपये जमा करने के बाद ही कार्ति को विदेश जाने की अनुमति दी थी।

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