Russia-Ukraine Conflict: एडवोकेट ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष (Russia-Ukraine Conflict) को देखते हुए एक वकील ने यूक्रेन में फंसे यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों और परिवारों की सुरक्षा के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
एडवोकेट विशाल तिवारी द्वारा एक जनहित याचिका दायर कर भारत सरकार को यूक्रेन में छात्रों और परिवारों सहित फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तुरंत प्रभावी राजनयिक कदम और उपाय करने का निर्देश देने की मांग की है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को चिकित्सा सुविधाएं, आवास और रहने की सुविधा और भोजन की आपूर्ति जैसी आवश्यक और आपातकालीन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र को और निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है कि ऑनलाइन मोड के माध्यम से यूक्रेन में पढ़ने गए भारतीय छात्रों की एमबीबीएस डिग्री को मान्यता दी जाए ताकि मेडिकल छात्रों का करियर खराब न हो।
याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन के कीव शहर में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। नागरिकों के पास कोई उम्मीद नहीं बची है। शहर में फंसे भारतीय छात्रों को युद्ध का डर है और उनके पास घर लौटने का कोई रास्ता नहीं है।
उन्हें आवश्यक आपूर्ति और चिकित्सा सुविधाओं, आवास और आवास, खाद्य पदार्थों की कमी आदि जैसी सहायता की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
याचिका में कहा गया है कि हमारे देश के हर राज्य के छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उनके परिवार के सदस्य और माता-पिता रो रहे हैं और सरकार के प्रति आशा की तलाश कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है,
"सरकार की जिम्मेदारी है कि वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत अपने नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में भी करे, खासकर जब नागरिक असहाय हों और परिवहन के सभी साधन बंद हों। सरकार ने तुरंत राजनयिक कदम उठाने चाहिए।"
केस का शीर्षक: विशाल तिवारी बनाम भारत संघ