सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों, केंद्र को सूचना आयोगों में रिक्तियां भरने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने आज देश भर में सूचना आयोगों की रिक्तियों को भरने में राज्यों और केंद्र की विफलता पर अपना असंतोष व्यक्त किया। अदालत ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को सभी आयोगों में रिक्तियों की संख्या और अपील/शिकायतों की संख्या पर एक चार्ट तैयार करने का निर्देश दिया।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत गठित सूचना आयोगों में बड़ी संख्या में रिक्तियों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ताओं के लिए वकील प्रशांत भूषण ने प्रस्तुत किया कि अंजलि भारद्वाज और अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बावजूद, केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और कई राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्तियां नहीं भरी गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में मामले लंबित हो गए हैं और अपील/शिकायतों के निपटारे में लंबी देरी हुई है।
सीजेआई ने कोर्ट की नाराजगी जाहिर करते हुए आदेश में कहा, "सूचना आयुक्तों के पदों को भरने में राज्य सरकारों की विफलता आरटीआई अधिनियम के उद्देश्य को विफल करती है और सूचना के अधिकार को प्रभावित करती है.."
तदनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को सभी आयोगों में रिक्तियों की संख्या और अपील/शिकायतों की संख्या पर एक चार्ट तैयार करने का निर्देश दिया और केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को रिक्तियों को भरने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा, अदालत ने सभी राज्यों को रिक्तियों को भरने के लिए कदम उठाने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए तुरंत कदम उठाने का भी निर्देश दिया।
केस टाइटल: अंजलि भारद्वाज और अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया | MA 1979/2019 in W.P.(C) No. 436/2018 PIL-W