"प्रधानमंत्री मोदी हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता", सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस शाह ने गुजरात हाईकोर्ट के कार्यक्रम में कहा
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता" कहा है। वह गुजरात हाईकोर्ट की हीरक जयंती के अवसर पर स्मारक डाक टिकट जारी करने के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, "मुझे गुजरात हाईकोर्ट के 60 साल पूरे होने पर, स्मारक डाक टिकट के विमोचन के इस महत्वपूर्ण समारोह में भाग लेने पर मुझे गर्व और खुशी महसूस हो रही है और वह भी हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा।"
जस्टिस शाह ने अपने भाषण में गुजरात उच्च न्यायालय को अपनी "कर्मभूमि" कहा और शक्तियों के पृथक्करण की संवैधानिक अवधारणा के महत्व के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, "हमारे संविधान के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक है शक्तियों का पृथक्करण - न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच विभाजन। इन तीनों धड़ों से अपने क्षेत्रों में काम करने की उम्मीद है। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि गुजरात हाईकोर्ट ने हमेशा इसकी अखंडता को बरकरार रखा है और इस लक्ष्मण रेखा को कभी पार नहीं किया है।"
उन्होंने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय, जहां उन्होंने एक वकील के रूप में 22 वर्षों तक प्रैक्टिस की और 14 वर्षों तक जज के रूप में कार्य किया, मौलिक अधिकारों की "अथक" रक्षा की है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए हमेशा, यहां तक कि "आपातकाल के काले दिनों में भी" खड़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने देश की पहली लोक अदालत का आयोजन किया था और यह देश का एकमात्र अदालत है, जिसने यूट्यूब पर आभासी सुनवाई की कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम किया है। उन्होंने कहा, "न्यायपालिका आज सच्चाई और आशा की किरण के रूप में खड़ी है।"
जस्टिस शाह ने कहा, "गुजरात उच्च न्यायालय का इतिहास बहुत व्यापक है और अगर मैं विस्तार से बताना शुरू करूं तो पूरे दिन खत्म हो जाएगा। जैसा कि हमें अपने सबसे प्रिय, माननीय, प्रधानमंत्री को सुनना है, मैं अपनी बात को यहीं समाप्त करता हं और आने वाले वर्षों के लिए सभी को शुभकामनाएं देता हूं।"
2018 में, जस्टिस शाह ने प्रधानमंत्री को "मॉडल और हीरो" कहा था। तब उन्होंने पटना हाईकोर्ट के मुख्य जज के रूप में शपथ ली थी।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण मिश्रा ने एक सार्वजनिक समारोह में कहा था कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति हैं, जिनकी सोच वैश्विक स्तर की और काम स्थानीय स्तर पर करते हैं"।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस मिश्रा की टिप्पणी पर आपत्ति जाहिर की थी और एक प्रस्ताव पारित कर उन टिप्पणियों को 'न्यायिक स्वतंत्रता की खराब छवि' कहा था।
गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण अत्यधिक लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा, "आज हमें वह अवसर मिला है, जिसमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्मारक डाक टिकट जारी कर रहे हैं। जिम्मेदारियों को निभाने की उनकी ईमानदारी ने उनकी लोकप्रियता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का निर्वहन करते हुए, उन्होंने एक सुरक्षित दुनिया की प्रतिज्ञा भी पूरी की है।"
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह एक "महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर" है कि इस आयोजन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री ने सहमति व्यक्त की है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी आयोजन के दौरान बात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत में अदालतों ने महामारी में भी प्रभावी ढंग से काम किया। उन्होंने कहा, "हमारा सुप्रीम कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के मामलों में दुनिया में नंबर एक बन गया।"
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि यह न्यायपालिका की गति और दक्षता को बढ़ा सकता है।