जस्टिस अरुण मिश्रा ने पीएम मोदी की प्रशंसा में कहा, मोदी वैश्विक स्तर पर सोचने वाले ऐसे नेता जो स्थानीय मुद्दों पर भी ध्यान देते हैं

Update: 2020-02-22 14:56 GMT

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसनीय, दूरदर्शी और बहुमुखी प्रतिभा वाला ऐसा नेता कहा, जो वैश्विक स्तर पर सोचते हैं लेकिन स्थानीय मुद्दों की अनदेखी भी नहीं करते।"

पीएम मोदी और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा 1500 अप्रचलित कानूनों को खत्म करने के लिए उनकी तारीफ करते हुए न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि भारत मोदी के "नेतृत्व" में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य है।

सुप्रीम कोर्ट में अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 - 'न्यायपालिका और बदलती दुनिया' के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियां आम हैं और बदलती दुनिया में न्यायपालिका की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

शीर्ष अदालत में वरिष्ठता में तीसरे स्थान पर रहे मिश्रा ने सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए पीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "गरिमापूर्ण मानव अस्तित्व हमारी अहम चिंता है। हम वैश्विक स्तर की सोच वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी नरेंद्र मोदी का उनके प्रेरक भाषण के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। उनका संबोधन सम्मेलन में विचार-विमर्श की शुरुआत करने के साथ साथ और सम्मेलन का एजेंडा तय करने में उत्प्रेरक भूमिका निभाऐंगे।"

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और "लोगों को आश्चर्य है कि यह लोकतंत्र इतनी सफलतापूर्वक कैसे काम कर रहा है।"

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक जिम्मेदार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखने वाला सदस्य है।" 

"भारत संवैधानिक दायित्वों के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद से मुक्त एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित दुनिया बनाने के लिए समर्पित है। विकास की प्रक्रिया में पर्यावरण का संरक्षण सर्वोच्च है," उन्होंने कहा।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "अब हम 21 वीं सदी में हैं। हम न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बुनियादी ढांचे की तलाश में हैं।

उन्होंने एक स्वतंत्र और मजबूत बार के योगदान का भी उल्लेख किया और कहा कि इस तथ्य से कोई इनकार नहीं है कि "बार न्यायपालिका की मां है।"

20 से अधिक देशों के न्यायाधीश यहां सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। 

(PTI) 

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