COVID-19 के कारण मृत व्यक्तियों के परिजनों को 4 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिये जाने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर
COVID-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को चार लाख रुपये या आर्थिक मुआवजे के तौर पर एक निर्धारित अनुग्रह राशि दिये जाने की मांग संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है।
याचिका में मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये के मुआवजे की मांग यह कहते हुए की गयी है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 कहती है कि राष्ट्रीय प्राधिकार आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को न्यूनतम मानक वाली राहत के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा, जिसके तहत जान जाने की स्थिति में अनुग्रह राशि का प्रावधान भी शामिल होगा।
एडवोकेट रीपक कंसल की ओर से एडवोकेट हरीश एस. आर. द्वारा दायर याचिका में आगे कहा गया है कि परिवार के सदस्यों को किसी भी आधिकारिक दस्तावेज पर अपने परिजन की मौत का वास्तविक कारण जानने का अधिकार है और इसीलिए उन्होंने मौत के कारण का जिक्र करने वाला मृत्यु प्रमाण पत्र या कोई पत्र संबंधित म़ृतकों के परिजनों को सौंपने का निर्देश राज्य सरकारों को देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
उपरोक्त दलील की प्रासंगिकता याचिका में इस बात से स्पष्ट की गयी है कि चिकित्सा अधिकारियों / अस्पातलों द्वारा COVID-19 महामारी के कारण मर रहे व्यक्तियों का पोस्टमार्टम तक नहीं किया जा रहा है, जबकि आर्थिक सहयोग प्राप्त करने के लिए ऐसे प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।
अंत में याचिका में यह कहा गया है कि चूंकि यह 'अधिसूचित आपदा' है, इसलिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) के तहत COVID-19 के पीड़ितों और उनके परिजनों को पर्याप्त राहत उपलब्ध कराना सरकार का न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि आपदा पीड़ितों और उनके परिजनों का ख्याल रखना सरकार का संवैधानिक दायित्व भी है।