'पेंशन सेवा का मामला, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण से संपर्क करें': सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सैनिकों के लिए संशोधित पेंशन की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2023-07-05 10:53 GMT

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने पूर्व सैनिक समाज के एक संगठन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 1.1.2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए लोगों के लिए संशोधित पेंशन के भुगतान के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।

अदालत ने कहा कि चूंकि पेंशन सेवा मामलों के अंतर्गत आती है, इसलिए उन्हें सशस्त्र बल न्यायाधिकरण से संपर्क करना चाहिए, जिसे इस मुद्दे पर शीघ्रता से निर्णय लेना चाहिए।

याचिकाकर्ता 'वॉयस ऑफ एक्स-सर्विसमैन सोसाइटी' ने तर्क दिया कि छठे वेतन आयोग, सातवें वेतन आयोग के साथ-साथ सरकार ने गजट अधिसूचना के माध्यम से स्वीकार किया था कि 1.1.2016 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त होने वालों को संशोधित पेंशन का भुगतान किया जाएगा।

आगे यह कहा गया कि कार्यान्वयन के दौरान भी सरकार ने स्वीकार किया था कि 1.1.2016 से पहले सेवानिवृत्त होने वालों को कवर किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने बाद में पलटते हुए घोषणा की कि संशोधित पेंशन केवल 1.1.2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के लिए लागू होगी।

याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया कि वे सामूहिक रूप से न्यायाधिकरण से संपर्क नहीं कर सकते और चूंकि इस मामले में हजारों वरिष्ठ नागरिक पीड़ित हैं, इसलिए पूरी प्रक्रिया बोझिल होगी।

अदालत ने आदेश दिया कि सेवानिवृत्त अधिकारियों को प्रतिनिधि क्षमता में मामला दायर करने की अनुमति दी जाएगी लेकिन किसी महासंघ को अनुमति नहीं दी जाएगी।

केस टाइटल- वॉयस ऑफ एक्स सर्विसमैन सोसाइटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, 2023

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