सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने भारत के अटॉर्नी जनरल बनने का केंद्र सरकार का प्रस्ताव अस्वीकार किया
सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने लाइव लॉ को बताया कि उन्होंने भारत के लिए अगला अटॉर्नी जनरल बनने के केंद्र सरकार का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने फिर से प्रस्ताव के बारे में सोचा और इसे अस्वीकार करने का फैसला किया।
भारत के मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसी खबरें थीं कि रोहतगी 1 अक्टूबर से वेणुगोपाल के बाद एजी का पद संभालने जा रहे हैं।
रोहतगी ने इससे पहले तीन साल के कार्यकाल के बाद जून 2017 में अटॉर्नी जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया था। रोहतगी के बाद वेणुगोपाल को तीन साल की अवधि के लिए एजी के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्हें 2020 और 2021 में एक-एक साल का विस्तार दिया गया था।
इस साल 29 जून को, केंद्र सरकार द्वारा एजी वेणुगोपाल का कार्यकाल तीन और महीनों के लिए बढ़ा दिया गया था।
ऐसी खबरें थीं कि वेणुगोपाल ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए सरकार से उनके कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया था और सरकार ने उनसे तीन और महीनों के लिए पद पर बने रहने का अनुरोध किया था।