मोहम्मद ज़ुबैर केस : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से सीतापुर एफआईआर रद्द करने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित हुए बिना विचार करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर अपने खिलाफ सीतापुर, उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार दिल्ली स्थान्तरित कर दिया गया, उसे रद्द करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर कर सकते हैं।
"... स्वतंत्रता जो दिनांक 20.07.2022 के आदेश में प्रदान की गई है, याचिकाकर्ता दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपने अधिकारों और उपचारों को आगे बढ़ाने में सक्षम होगा।"
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने ज़ुबैर की ओर से पेश एडवोकेट सुश्री वृंदा ग्रोवर के अनुरोध पर आदेश में दर्ज किया कि दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर की जाने वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिनांक 10.06.2022 के आदेश जिसमें संबंधित एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था, उससे प्रभावित हुए बिना विचार किया जाएगा।
"ऐसी स्थिति में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के आड़े आने के बिना सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिका पर अपनी योग्यता के आधार पर विचार किया जाएगा।"
सुश्री ग्रोवर ने यह सुनिश्चित करने के लिए अदालत से मांग की कि भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 226 के तहत सीतापुर एफआईआर को खारिज करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करना चाहती हैं लेकिन इस पर सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
सुश्री ग्रोवर ने बेंच को अवगत कराया कि मामले में कुछ भी नहीं बचा है क्योंकि संबंधित मामले की फाइल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 20.07.2022 द्वारा सीतापुर, यूपी से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने प्रस्तुत किया कि न्यायालय की कार्यालय रिपोर्ट इसी को इंगित करती है।
पीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य के लिए पेश एएजी सुश्री गरिमा प्रसाद से स्थानांतरण के बारे में भी पुष्टि की। यह नोट किया गया कि 05.09.2022 को राज्य के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए एक पत्र के अनुसार, विशेष सचिव, यू.पी. ने सूचित किया है कि पूरी केस डायरी को विशेष प्रकोष्ठ, दिल्ली को स्थानांतरित कर दिया गया है।
जुबैर के खिलाफ संबंधित एफआईआर हिंदुत्व संगठन राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सीतापुर जिला प्रमुख भगवान शरण ने दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जुबैर के ट्वीट से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
शीर्ष अदालत ने 8 जुलाई 2022 को सीतापुर एफआईआर में जुबैर को अंतरिम जमानत दी थी और 13 जुलाई को सीतापुर मामले में अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी थी। 15 जुलाई को पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें दिल्ली पुलिस की एफआईआर में नियमित जमानत दे दी थी।
शीर्ष अदालत ने 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया था कि जुबैर के खिलाफ लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और हाथरस जिलों में 20 जुलाई तक उनके ट्वीट के संबंध में दर्ज की गई 5 एफआईआर के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस को कोई कठोर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
20 जुलाई, 2022 के आदेश के द्वारा शीर्ष अदालत ने सीतापुर में दर्ज एफआईआर सहित यूपी में दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया था।
केस टाइटल मोहम्मद जुबैर बनाम यूपी राज्य और अन्य। एसएलपी (सीआरएल) नंबर 6138/2022]