बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज होस्टल में फंसे भारतीय छात्रों की देखभाल करने के लिए अनुरोध किया है, MEA ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया

Update: 2020-03-30 13:42 GMT

विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि बांग्लादेश के सभी मेडिकल कॉलेज, जहाँ भारतीय छात्र रह रहे हैं, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे छात्रों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए कम से कम एक मेस सुविधा खोलें।

कोर्ट में सरकार का यह जवाब बांग्लादेश में अपने कॉलेज के हॉस्टल में फंसे भारतीय छात्रों की ओर से अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर याचिका पर आया है।

भारत सरकार द्वारा उड़ानों पर लगाई गई अस्थायी रोक के कारण, भारतीय छात्र अपने देश में वापस आने और अपने परिवार के सदस्यों से मिलने में असमर्थ हैं।

MEA के वकील जसमीत सिंह ने अदालत को सूचित किया कि बांग्लादेश में भारत के नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा और अन्य सहायता देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस उद्देश्य के लिए, नोडल अधिकारियों की एक सूची पहले से ही वेबसाइट पर अपलोड की गई है, जिन्हें किसी भी कठिनाई के समय भारतीय नागरिक संपर्क कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत का कोई भी नागरिक किसी भी देश में किसी भी समस्या का सामना न करे।

इन सबमिशन के बाद, याचिकाकर्ता प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के कम से कम एक छात्र के संपर्क विवरण देने के लिए सहमत हुए, जहां छात्रों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

इस सूची को फिर से नोडल अधिकारियों को भेजा जाएगा जो ग्राउंड पर काम कर रहे हैं, इसलिए, अदालत ने एमईए को सुनवाई की अगली तारीख से पहले, एक हलफनामे के रूप में या ईमेल के माध्यम से स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

पिछली सुनवाई में, भारतीय अधिकारियों को तत्काल ध्यान देने का निर्देश देने की मांग करते हुए, याचिकाकर्ता ने कहा था कि बांग्लादेश में लगभग 581 ऐसे छात्र हैं, जो वहां फंसे हुए हैं।

इसके अलावा, याचिकाकर्ता द्वारा यह भी बताया गया कि इन 581 छात्रों में से अधिकांश जम्मू और कश्मीर से हैं। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को करेगी।

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